कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर 2023 को विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान हो चुके हैं। इसी बीच चुनाव में सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारियों के वोटिंग को लेकर मुद्दा उठ गया है। वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के जनरल सेक्रेटरी ने सवाल उठाते हुए कहा है कि, रेलवे के रनिंग स्टाफ को इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टिसिपेट करने का मौका ही नहीं मिला। क्या सरकार को एंटीइनकंबेंसी का डर सता रहा था।

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यूनियन लीडर का कहना है कि, चुनाव के समय जबलपुर के तीनों जोनों के अंतर्गत आने वाले 14 डिवीजन के कर्मचारी जो बाहर ट्रेन लेकर गए थे उनको 17 नवंबर को मतदान करने के लिए नहीं मिला। वहीं यूनियन के नेता ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि, क्या सरकार को एंटीइनकंबेंसी का डर सता रहा था। शायद इसीलिए इन लोगों को मतदान प्रक्रिया में शामिल होने का मौका नहीं दिया गया।

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मध्य प्रदेश में तीन जोन में है 14 डिवीजन
रेलवे के देश भर में कुल 17 जोनों में मध्य प्रदेश के अंदर 3 जोन आते हैं। इन तीन जोनों में करीब 14 डिवीजन पड़ते हैं, वहीं यूनियन के नेता की मानें तो एक डिवीजन में तकरीबन 500 से ज्यादा रनिंग स्टाफ काम करता है। ऐसे में 14 डिविजनों का रनिंग स्टाफ जोड़ा जाए तो 7 से 8 हजार कर्मचारी आते हैं। यानी कि करीब 8 हजार एंप्लॉई को इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टिसिपेट करने का मौका नहीं मिला।

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