अमित पांडेय, खैरागढ़। खैरागढ़-छुईंखदान-गंडई को जिला बने दो वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन जिला मुख्यालय खैरागढ़ में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव नजर आता है. राजनीतिक वादे के मुताबिक पिछली सरकार ने खैरागढ़ को जिला तो बना दिया, लेकिन सुविधाओं के नाम पर खैरागढ़ अब भी ग्राम पंचायत जैसी स्थिति में ही है.

वहीं खैरागढ़ जिले के बच्चे निर्वेद जैन, योगराज जंघेल, मीनल सिंहा और सम्यक ने संभाग स्तरीय रोलर स्केटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें से तीन बच्चों का चयन छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय मुकाबले के लिए हुआ. यह जिले के लिए गौरव की बात है. लेकिन जिन खिलाड़ियों ने संभाग स्तर पर खैरागढ़ का परचम लहराया, उनके अभ्यास के लिए खेल मैदान की बदहाली देखकर किसी के भी होश उड़ जाएंगे. हल्की सी बारिश होते ही पूरा मैदान तालाब में तब्दील हो जाता है, फिर भी ये बच्चे निरंतर प्रयास कर अच्छा प्रदर्शन कर आगे बढ़ रहे हैं. बच्चों समेत खैरागढ़ रोलर स्केटिंग टीम के सदस्य और सभी माता-पिता का कहना है कि अगर उनके पास खैरागढ़ में कोई जगह या ग्राउंड होता, तो ये बच्चे और भी अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे.

खैरागढ़ जिले के हर खेल मैदान में असुविधाओं का आलम है. बारिश में तालाब बने इन खेल मैदानों में लबालब पानी भरा हुआ है तो बारिश के बाद असामाजिक तत्वों की अड्डेबाजी का खेल शुरू हो जाता है.

सरकारें खिलाड़ियों को हर सुविधा देने के दावे करती हैं. वर्तमान सरकार तो खेल अलंकरण और उत्कृष्ट खिलाड़ी योजना की बाते भी कर रही है, लेकिन खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए मैदान ही नहीं होगा तो खिलाड़ियों का प्रदर्शन कैसे बेहतर होगा? ये बड़ा सवाल है.