रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जैसे कानून-प्रशासन नाम की कोई चीज ही नहीं है. यहां कभी भी.. कोई भी.. कहीं से भी.. किसी राज्य.. या देश… से आकर बेखौफ रह सकता है. अपने नापाक मंसूबों को पूरे इत्मिनान से अंजाम दे सकता है. बगैर पुलिस-प्रशासन को इत्तिला दिए रह सकता है. यहां अपना व्यापार-व्यवसाय चला सकता है.. और तो और लोगों की जिंदगी भर की पूंजी भी लूट सकता है. हमारे ऐसा कहने के पीछे कि वजह हाल की घटनाएं हैं. पिछले कुछ सालों में प्रदेश की गरीब जनता की खून-पसीने की कमाई चिट-फंडियों ने लूट ली है. वहीं कई ठगों ने यहां बेखौफ अपना जाल बिछाकर लोगों के जीवन भर की कमाई गई पूंजी में इत्मिनान से डाका डालने से भी नहीं चूके.. और हमारे जो जिम्मेदार थे वे चिर निद्रा में सोए हुए थे..
अब हम असल मुद्दे पर आते हैं गुढ़ियारी थाना क्षेत्र के रामनगर में पिछले साथ दिसंबर 2017 में तमिलनाडू के तीन-चार ठगों की एक टोली पहुंची उन लोगों ने यहां किराए में लेकर अपना एक स्टोर बड़े ही आसानी से खोल लिया. उनका न तो कोई वेरीफिकेशन हुआ और न ही जिम्मेदारों ने कोई जानकारी ही जुटाई. संगम ट्रेडर्स के नाम से खोले गए होम एप्लायसेंस की दुकान में गैस-चूल्हा, बर्तन से लेकर फर्नीचर, टीवी, फ्रिज, एसी कूलर, रजाई गद्दे जैसे सभी सामान एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराए. इन शातिर ठगों ने लोगों को फांसने के लिए अपने लुभावने जाल बिछा दिया. इन शातिर ठगों ने बकायदा पंपलेट छपवाकर घर-घर, दुकान-दुकान बंटवा दिया. जिसमें 10 प्रतिशत से लेकर 45 प्रतिशत तक के बड़े डिस्काउंट का आफर दिया गया था. आफर के अनुसार किसी भी सामान का आधा एडवांस पैसा जमा करने के 12 दिन बाद उन्हें वह सामान आधी कीमत जो एडवांस के रुप में दी गई है उतने में ही मिल जाता था. सबसे बड़ी बात यह है कि 45 प्रतिशत डिस्काउंट जैसा आफर वाला पंपलेट बंटने के बाद भी किसी भी जिम्मेदार ने इसकी सुध भी नहीं ली.
20 दिन में ही दुकान की बंद
शुरुआत में शातिर ठगों के इस लुभावने आफर से कुछ लोगों को फायदा हुआ जिसकी खबर आग की तरह आस-पास के सभी कालोनियों तक पहुंच गई और यहां लोगों का मजमा लगा रहने लगा. किसी ने 5 हजार रुपए तो किसी ने लाख रुपए जमा कर दिए और उससे दुगुने दाम का सामान उन्हें मिल गया तो उन लोगों ने कई गुना रकम जमा कर दी. बताया जा रहा है कि महज 20 दिनों में ही 11 जनवरी 2018 को आरोपियों ने लोगों से 2 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की रकम वसूल कर रातों-रात फरार हो गए. जिसकी शिकायत कुछ लोगों ने गुढ़ियारी थाना में की थी
…युवती की नहीं हो पाई शादी
लगभग 3 महीने बाद रामनगर में स्थित इस दुकान में जब्ती बनाए गए सामानों को लेने आज पुलिस की टीम पहुंची. जैसे ही लोगों को दुकान का शटर खुलने की जानकारी लगी तो वहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए इस उम्मीद से कि उन्हें आज उनका सामान मिल जाएगा लेकिन जैसे ही उनकी उम्मीद टूटती हुई नजर आई तो उन लोगों ने हंगामा करना शुरु कर दिया. मौके पर मौजूद ठगी के शिकार सभी पीड़ितों को पुलिस ने वहां से भगा दिया. लालच में आकर अपने मेहनत का पैसा गंवा चुके इन पीड़ितों ने लल्लूराम डॉट कॉम से बात कर अपनी पीड़ा बताई. इनमें कई लोग ऐसे थे जिन्होंने शादी में अपनी बहन, बेटियों को सामान देने के लिए दुकान संचालक को एडवांस में बड़ी रकम दे दी थी लेकिन 12 दिन बाद जब वे दुकान पहुंचे तो उन्हें वहां ताला लटकता मिला. हर रोज वे इसी उम्मीद में यहां आकर बैठ जाते हैं कि शायद आज दुकान खुल जाए और उन्हें सामान या फिर उनका पैसा मिल जाए. इनमें हमें एक ऐसी युवती गायत्री साहू भी मिली जिसकी शादी शायद अब तक हो चुकी रहती लेकिन गरीब परिवार की इस लड़की की शादी इसलिए नहीं हो पाई कि उसके परिवार वालों ने उसे शादी में सामान देने के लिए जिंदगी भर जो पैसा जुटाया था वह सारा पैसा उन लोगों ने शातिर ठगों को इस उम्मीद में दे दिया था कि वे अपनी बेटी को अब ज्यादा सामान दे पाएंगे. जिसकी वजह से गायत्री की शादी नहीं हो पाई. शायद उसे अभी और कुछ दिन कुंवारी रहना पड़ेगा जब तक या तो आरोपी पकड़ में नहीं आते या फिर उसके मां-बाप फिर से उसे शादी में सामान देने लायक पैसा नहीं जोड़ लेते.
दो बार दिए दबिश नहीं मिली सफलता- बाठी
उधर गुढ़ियारी थाना प्रभारी नासिर बाठी के अनुसार आधा दर्जन ठगों की इन टोली को पकड़ने के लिए दो बार उनकी टीम तमिलनाडू में दबिश दे चुकी है लेकिन स्थानीय पुलिस का सहयोग नहीं मिलने से उन्हें सफलता नहीं मिली. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें इस शातिर ठगों की टोली के बारे में जानकारी मिली है कि ये लोग इस तरह से कई जगह वारदात को अंजाम दे चुके हैं.