इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को जी-20 बैठक (G20 meeting) के हिस्से के रूप में ‘स्टे सेफ ऑनलाइन’ अभियान और ‘जी-20 डिजिटल इनोवेशन एलायंस’ कार्यक्रम (G-20 Digital Innovation Alliance Program) की शुरुआत की है. इस कार्यक्रम का मुख्य फोकस साइबर सुरक्षा और स्टार्टअप्स की क्षमता पर आधारित हैं. मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत समावेशी विकास, अंत्योदय में विश्वास करता है. भारत की जनसंख्या का पैमाना और ओपन सोर्स ‘सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म’ जैसे यूपीआई एवं आधार ने आर्थिक और सामाजिक समावेश प्रदान किया है और इनोवेशन को बढ़ावा दिया है.

‘स्टे सेफ ऑनलाइन कैंपेन’ का उद्देश्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के व्यापक उपयोग और डिजिटल भुगतान को तेजी से अपनाने के कारण नागरिकों में ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए जागरूकता को बढ़ाना. भारत में इंटरनेट यूजर की संख्या तेजी से बढ़ी रही है, जो कई चुनौतियां पेश कर रही हैं. यह अभियान सभी आयु वर्ग के नागरिकों, विशेष रूप से बच्चों, छात्रों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, केंद्र/राज्य सरकारों के अधिकारियों आदि को साइबर जोखिम और इससे निपटने के तरीकों के बारे में जागरूक करेगा. इस अभियान को अंग्रेजी, हिंदी और स्थानीय भाषाओं में चलाया जाएगा.

कई भाषाओं में चलेगा कैंपेन

इस कैंपेन को इंग्लिश के अलावा हिंदी और दूसरी भी लोकल भाषाओं में चलाया जाएगा. इस दौरान G20 में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के बारे में चर्चा की गई. इसमें बताया गया कि MeitY डीईडब्ल्यूजी के तहत 3 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा. इसमें सुरक्षित ऑनलाइन अभियान और डीआईए (DIA) प्लान के अलावा साइबर सुरक्षा और डिजिटल कौशल विकास के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. MeitY का उद्देश्य देश में सुरक्षित साइबर माहौल तैयार करना है.अश्विनी वैष्णव ने आगे बताया कि देश में डिजिटल क्षेत्र को और विकसित किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि पब्लिक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने पर पर भी ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है जो ओपन सोर्स होने के साथ सबके लिए उपलब्ध होगा. कोई भी प्राइवेट स्टार्टअप इसका फायदा उठा सकता है.

केवाईसी को सख्ती से लागू किया जाएगा

केवाईसी (KYC) यानी नो योर कस्टमर व्यस्था के तहत हर किसी को अपने अकाउंट की जानकारी सर्विस प्रोवाइडर को देनी होती है. केवाईसी की इस प्रक्रिया को मजबूत किया जा रहा है. अगर कोई अपने बारे में सर्विस प्रोवाइडर को गलत या गुमराह करने वाली जानकारी देता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान होगा.

फ्रॉड करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान

देश के कई ऐसे हिस्से हैं जहां साइबर और बैंकिंग फ्रॉड बहुत ज्यादा रिपोर्ट हो रहा है.इसपर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार गंभीर है. इस नए बिल में होने वाले प्रावधानों से बैंकिंग फ्राॅड और साइबर क्राइम को रोकने में मदद मिलेगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि फ्रॉड में पकड़े जाने पर आरोपी के खिलाफ सख्त से कार्रवाई का प्रावधान नए बिल में किया जाएगा.