रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों के ठिकानों पर चल रही इंकम टैक्स की कार्यवाही के बीच छनकर आ रही खबरों से एक बड़ा सवाल यह भी खड़े हो रहा है कि आखिर छापा मार रहे अफसरों की नजर अधिकारियों और कारोबारियों के मोबाइल पर क्यूं जा टिकी है. दरअसल सूत्र बताते हैं कि पिछले तीन दिनों से चल रही छापे की इस कार्यवाही में सबसे पहले इंकम टैक्स के अफसर मोबाइल, लैपटाॅप जैसे तकनीकी गैजेट की जप्ती बना रहे हैं. चर्चा यह भी है कि मोबाइल के मैसेज और चैट को आधार बनाकर छापे की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा रहा है. रायपुर महापौर एजाज ढेबर के करीबी अफरोज अंजुम तक भी आईटी की टीम दोनों के बीच हुए चैटिंग के आधार पर ही पहुंची, लेकिन बहुत कुछ मिला नहीं.

हालांकि इधर भिलाई में आबकारी विभाग के ओएसडी ए पी त्रिपाठी के घर चल रही छापे की कार्यवाही आज खत्म जरूर हो गई, लेकिन अधिकृत तौर पर आईटी ने यह खुलासा नहीं किया है कि कितनी कैश की बरामदगी हुई? कहां-कहां बड़ी रकम का ट्रांजेक्शन किया गया? मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित निवास को आईटी अफसरों ने सील कर दिया है. शुक्रवार को जब टीम चौरसिया के घर छापा मारने पहुंची थी, तब वहां ताला लगा मिला था. टीम ने पूरी रात घर के बरामदे में ही बिताया, आज एक खबर यह सामने आई कि सौम्या चौरसिया के पति भिलाई स्थित निवास पहुंचने वाले हैं, लेकिन चर्चा है कि आईटी अफसरों ने यह कहते हुए कार्यवाही को आगे बढ़ाने से इंकार कर दिया कि उन्हें मौके पर सौम्या चौरसिया ही चाहिए. देर शाम उनके पति सौरभ मोदी घर पहुंचे, लेकिन तब तक आईटी अफसरों की टीम जा चुकी थी.

सौम्या चौरसिया के पति भिलाई स्थित निवास के सामने

बता दें कि 27 फरवरी को इंकम टैक्स डिपार्टमेंट की दिल्ली से आई टीम ने महापौर एजाज ढेबर, रेरा चेयरमेन विवेक ढांड, मीनाक्षी ब्यूटी सेलून, कारोबारी गुरूचरण होरा, शराब कारोबारी अमोलक भाटिया समेत कई सीए के ठिकानों पर छापा मारा था. छापे के लिए दिल्ली से विशेष विमान से 105 अफसर रायपुर पहुंचे थे. छापे की कार्यवाही में सुरक्षा मुहैया कराने 200 सीआरपीएफ के जवानों को शामिल किया गया था. इस छापे की कोई इनपुट स्थानीय पुलिस के पास नहीं थी. छापे के दूसरे दिन आईटी ने अपने दायरा को बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित आवास पर भी छापा मारा, लेकिन टीम भीतर नहीं पहुंच पाई. शनिवार को भी मुंबई से 50 और अफसरों को बुलाए जाने की चर्चा है.

इस कार्यवाही से छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने मंत्रीमंडल के सदस्यों के साथ आपात बैठक की और इस घटना को राजनीतिक प्रेरित बताते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. चर्चा है कि मुख्यमंत्री इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं.