चेन्नई। आयकर विभाग ने तमिलनाडु की एक चिट एंड फाइनेंस कंपनी के परिसरों में एक सप्ताह की अवधि में की गई तलाशी में 12 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 250 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों के विवरण का खुलासा किया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि कंपनी का रियल एस्टेट का काम हैं और वह अपने ट्रस्टों के माध्यम से कई शैक्षणिक संस्थान चला रही है। जांच में पाया गया कि वह समानांतर खाता रखने के लिए गुप्त रूप से बनाए गए क्लाउड सर्वर का उपयोग कर रही थी।

सीबीडीटी ने कहा कि इस क्लाउड सर्वर को रिमोट से नियंत्रित किया गया था और आई-टी विभाग बेहिसाब धन और अचल संपत्तियों के विवरण प्राप्त करने के लिए इसे क्रैक करने में सक्षम था।

चेन्नई, कोयंबटूर, नेवेली और नीलगिरी में 30 स्थानों पर तलाशी और जब्ती की गई। आयकर विभाग ने कहा कि बेहिसाब धन चिट फंड व्यवसाय के माध्यम से आय की कम रिपोटिर्ंग के माध्यम से धन उत्पन्न हुआ था और अधिकांश राशि अचल संपत्ति में रखी गई थी।

बयान में यह भी कहा गया है कि विभिन्न लोगों से लिए गए बेहिसाब जमा और पैसा लगाने वालों का विवरण डिजिटल मूल्यांकन के बाद पता चलेगा।

विभाग ने दस्तावेजी और डिजिटल साक्ष्य का प्रारंभिक विश्लेषण भी किया है। बयान में कहा गया है कि अधिकांश बेहिसाब धन का इस्तेमाल रियल एस्टेट संपत्तियों को खरीदने के लिए भुगतान करने के लिए किया गया था और पैसा कंपनी के ट्रस्टों में रखा गया था, जो शैक्षणिक संस्थान चला रहे थे।