बॉम्बे हाई कोर्ट(Bombay High court) ने एंकर ग्रुप के 50 वर्षीय निदेशक हेमंग शाह(Hemang Shah) की गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए पुलिस को कड़ी चेतावनी दी है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में उन्हें ‘जोश और उत्साह’ में हिरासत में लेने की आवश्यकता नहीं थी और यह भी स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी का मुख्य उद्देश्य विवादित राशि की वसूली थी. इसके साथ ही, कोर्ट ने पुलिस के कार्यों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 14 मई की आधी रात के बाद 2:14 बजे शिकायत दर्ज करना और उसी दिन लुकआउट सर्कुलर जारी करना ‘भयंकर जल्दबाजी’ का उदाहरण है.

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हेमंग शाह को 17 मई को दिल्ली एयरपोर्ट पर मस्कट जाने के दौरान LOC के आधार पर हिरासत में लिया गया और उन्हें मुंबई लाया गया. यह कार्रवाई उनके बड़े भाई मेहुल शाह द्वारा मालाबार हिल पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे. हेमंग शाह ने अपनी अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि प्रकाश, मुनाफ़ विरजी, आदित्य दीवान, देबोप्रिय मौलिक, और सागर शेट्टी (AMR Law और हृतुराज सिंह की) की एक विस्तृत टीम ने पैरवी की.

कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश की गईं चैट्स

याचिका में उल्लेख किया गया है कि हेमंग और उनके बड़े भाई तथा पिता के बीच वित्तीय विवाद था, जिसे मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने का प्रयास किया जा रहा था. इसके अलावा, याचिका में यह भी कहा गया कि हेमंग की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, उनके भाई की पत्नी ने हेमंग की पत्नी से संपर्क किया और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के कार्यालय में चेकबुक लेकर आने का दबाव बनाया. इस मामले से संबंधित कुछ चैट्स भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए गए.

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24 घंटे से ज्यादा हिरासत में रखा गया

कोर्ट ने इन चैट्स का विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी का उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से निर्धारित राशि की वसूली करना था. हेमंग ने यह भी बताया कि उन्हें 17 मई को शाम 5:30 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया और 18 मई को रात 10:45 बजे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उन्हें 24 घंटे से अधिक समय तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया.

रिश्तेदार या मित्र को नहीं दी गई गिरफ्तारी की सूचना

इसके अतिरिक्त, गिरफ्तारी का कारण बताया गया, लेकिन किसी भी रिश्तेदार या मित्र को इस बारे में सूचित नहीं किया गया. उनकी कानूनी टीम का कहना है कि यह एक रणनीतिक दबाव बनाने का प्रयास था. अभियोजन पक्ष ने जानकारी दी कि ईओडब्ल्यू के अधिकारी और हेमंग शाह 18 मई को सुबह 10:30 बजे मुंबई पहुंचे, और प्रारंभिक पूछताछ के बाद उन्हें शाम 7:30 बजे गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद रात 10:45 बजे उन्हें कोर्ट में पेश किया गया.

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उन्होंने यह भी कहा कि गिरफ्तारी की सूचना हेमंग के पिता को दी गई थी. हालांकि, अदालत ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को खारिज करते हुए इसे ‘आश्चर्यजनक और चौंकाने वाला’ करार दिया, क्योंकि हेमंग के पिता स्वयं इस मामले के शिकायतकर्ता हैं. अदालत के इस निर्णय ने एक बार फिर मुंबई पुलिस की आर्थिक मामलों में भूमिका पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं.