सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों में रेट लिस्ट लगवाना अनिवार्य किया गया है। मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं और उनके शुल्क की जानकारी देनी होगी। स्वास्थ्य कमिश्नर तरुण राठी ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। इसकी जिम्मेदारी जिले के सीएमएचओ की होगी। जानकारी नहीं देने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी ने सभी निजी चिकित्सालयों (नर्सिंग होम) को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अस्पताल में प्रदायित सभी चिकित्सकीय सेवाओं की दर सूची (रेट लिस्ट) प्रमुखता से प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नागरिकों के हितों की रक्षा करते हुए उन्हें बेहतर और पारदर्शी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए यह महत्वपूर्ण है।

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प्राइवेज हॉस्पिटलों में काउंटर पर दर सूची का प्रदर्शन अनिवार्य है। रोगी या उनके परिवारजनों की मांग करने पर दर सूची दिखाना अस्पताल प्रबंधन का दायित्व भी होगा। इसके अलावा अगर किसी अस्पताल को दर सूची में संशोधन करना हो, तो इसकी लिखित सूचना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को देना जरूरी है। संशोधित दर सूची को भी प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा। इसका उद्देश्य रोगियों के अधिकारों की रक्षा करने और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाना है।

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यह निर्देश म.प्र. उपचर्यागृह और रूजोपचार (नर्सिंग होम और धर्मशालाएं) संबंधी स्थापनाएं अधिनियम, 1973 और नियम, 1997 (यथासंशोधित 2021) के नियम 17 के अनुसार जारी किए गए हैं। सभी निजी चिकित्सालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इन प्रावधानों का पालन करें। आयुक्त तरुण राठी ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इसके अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। दर सूची के बिना अतिरिक्त शुल्क लेना नियमों का उल्लंघन है, मनमानी शुल्क वसूलने की घटनाओं को रोकने के लिए सतत निरीक्षण करने के आयुक्त ने निर्देश दिये हैं।

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