अब अस्पताल में नर्सों से बदतमीजी करने वाले लोगों को पंच पड़ सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि नर्सों से साथ बढ़ती छेड़खानी और बदतमीजी की वारदातों को देखते हुए उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है. जहां उन्हें वार करना और अपने बचाव करने के तरीकों के बारे में बताया जा रहा है.
अहमदाबाद. इसकी शुरुआत अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से हुई है. अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक अस्पताल में आए दिन मरीजों के परिजनों के गुस्से का शिकार नर्स और अस्पताल के कर्मचारी बनते हैं. ऐसे में उन्हें इन हालात का सामना करने के लिए विशेष तौर पर ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है. इसी को ध्यान में रखते हुए गुजरात के सबसे बड़े सिविल अस्पताल अहमदाबाद सिविल अस्पताल में कार्यरत नर्सों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है.
अहमदाबाद सिविल अस्पताल में करीब 1,200 नर्स कार्यरत हैं जिनको सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है. 5 दिन के इस सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग कैंप में 800 नर्स ने पहले चरण में ट्रेनिंग ले रही हैं. ट्रेनिंग में नर्स को खास ट्रेनर के जरिये ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग में नर्सों ऐसी जगह पर वार करना सिखाया जा रहा है, जिससे वो खुद के बचाव में सामने खड़े किसी भी शख्स को पस्त कर सकें.
अस्पताल में बतौर नर्स पिछले कई साल से काम करने वाली ममता पंड्या ने एक नेश्नल चैनल से बातचीत में बताया कि ये ट्रेनिंग उनके लिए बेहद जरूरी थी क्योंकि अस्पताल में ज्यादातर महिला स्टॉफ हैं, कई बार मरीज के रिश्तेदार हमसे बदतमीजी भी करते हैं. हम लोगों की नाइट शिफ्ट में भी ड्यूटी लगती है, इस लिहाज से आते जाते वक्त यह ट्रेनिंग हमारे काम आएगी.
ट्रेनिंग का आयोजन खुद अस्पताल प्रशासन की ओर से किया गया है. प्रशासन का कहना है कि नर्स को कई बार अस्पताल और अस्पताल के बाहर विकृत मानसिकता वाले लोगों का शिकार बनना पड़ता है, ऐसे में इस तरह की सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंगनर्स के लिए बेहद जरूरी हो जाती है. यह ट्रेनिंग उनके लिए हर समय के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.