अमित पांडेय, खैरागढ़-छुईखदान-गंडीई. धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कटेमा में आईटीबीपी कैम्प (ITBP Camp) खुलने से था दशकों से नक्सल आतंक के साये में जी रहे ग्रामीणों को अनेक योजनाओं का अब भरपूर लाभ मिल रहा है. कैम्प बनते ही आईटीबीपी के जवानों ने कटेमा में निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ परीक्षण किया और ज़रूरी दवाओं का वितरण किया. जिससे काफी संख्या में ग्रामीण लाभान्वित हुए. यह कार्यक्रम 40वीं वाहिनी के कमांडेंट अनंत नारायण दत्ता के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था. साथ ही कार्यक्रम का नेतृत्व कैम्प कमांडर श्याम लाल भट्ट ने किया.

40वीं वाहिनी के चिकित्साधिकारी डॉ. रोहित तिवारी ने ग्रामीणों को स्वास्थ एवं जानलेवा बीमारियों के प्रति जागरूक किया और 60 मच्छरदानियां भी बांटी. क्षेत्र में नया कैम्प खुलने के बाद सप्ताह भर में कटेमा गावं में आईटीबीपी का यह दूसरा मेडिकल कैम्प है. कटेमा निवासी कई दशकों से इस बीहड़ जंगल में समाज की मुख्य धारा के कटे हुए थे. लेकिन अब आईटीबीपी के सुरक्षा कैंप बनने के बाद से ही ग्रामीण समाज से जुड़ रहे हैं. कल राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर भी ग्रामीण सुरक्षा बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विभिन्न मंदिरों में साफ़ सफ़ाई किए और हवन पूजन में कैंप में शामिल भी हुए.

आईटीबीपी लगातार राजनादगांव और खैरागढ़ ज़िले के दूरस्थ वनों में निवास करने वाले ग्रामीणों को समाज की मुख्य धारा में में जोड़ने का प्रयास कर रही है. इसी कडी में कटेमा गांव में आईटीबीपी 40वीं वाहिनीं का कैंप खुलने के बाद से ही लगातार ग्रामीणों को मुख्य धारा से जोड़ने विभिन्न नवाचार किए जा रहे हैं. सुरक्षा बलों की संवेदनशीलता और सतर्कता से नक्सलियों के लाल आतंक का खतरा अब धीरे धीरे शून्यता पर आ रहा है.