वाराणसी. ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे से मिलीं खंडित मूर्तियां, चिन्ह, आकृतियां, दरवाजे और घड़े के टुकड़े सहित अन्य सामग्रियां सोमवार को कोषागार के लॉकर में रखवाई गईं. एसएसआई ने प्रमाण के तौर पर 250 से ज्यादा सामग्रियां जुटाई हैं, जिसे जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में दिया गया.

सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट 17 नवंबर तक जिला जज की अदालत में दाखिल की जानी है. इसी तिथि पर मामले की सुनवाई भी होगी. अपर जिलाधिकारी प्रोटोकाल बच्चू सिंह सोमवार की दोपहर ज्ञानवापी परिसर पहुंचे और वहां एएसआई की टीम से संपर्क कर सुपुर्दगी की प्रक्रिया पूरी कराई.

दोपहर बाद संरक्षित की सभी सामग्रियां एएसआई की देखरेख में कलेक्ट्रेट स्थित सभागार लाई गईं और कोषागार के डबल लॉक रूम में संरक्षित की गईं. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई. डबल लॉक में जमा कराए गए सामानों की सूची भी अपर जिलाधिकारी प्रोटोकॉल को सौंपी गई है.

अपर जिलाधिकारी वाराणसी के जिलाधिकारी के नामित प्रतिनिधि हैं. कोषागार में रखवाई गई सामग्रियों की एक प्रति जिला जज की अदालत में भी दाखिल की गई. जिला जज की अदालत के आदेश पर मिली सुपुर्दगी को जरूरत पड़ने पर जिलाधिकारी न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे.

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सूत्रों के मुताबिक, ज्ञानवापी परिसर में 93 दिन तक चले एएसआई के सर्वे में सजावटी ईंटें, दैवीय युगल, चौखट के अवशेष, दरवाजे के टुकड़े सहित कई सामग्रियां मिली हैं. प्रमाण के तौर पर संरक्षित की गई सामग्रियों में मगरमच्छ, कच्छप, घोड़ा, यामिनी, कलश, हाथी, सर्प आदि के टुकड़े भी शामिल हैं.