सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। आईटीएम निजी विश्वविद्यालय से डिग्री लेने के बाद भी दर्जनों विद्यार्थी दर-दर भटकने को मजबूर हैं, क्योंकि विश्वविद्यालय द्वारा बिना मान्यता के कोर्स संचालित किया जा रहा है. पैरामेडिक में रजिट्रेशन में पेच फंसा तो मामला उजागर हुआ. उच्च शिक्षा विभाग ने आईटीएम विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

आईटीएम विश्वविद्यालय में बीएससी (एमएलटी) और ऑप्ट्रामेट्री पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है. कोर्स के पास आउट दर्जनों विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिल रही है. छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल कॉउंसिल में रजिस्ट्रेशन नहीं होने से हमारी डिग्री को फर्जी माना जा रहा है, ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन से हमें कोई सहयोग नहीं मिल रहा है.

विद्यार्थियों ने कहा कि हमारे साथ धोखा हुआ है. बिना मान्यता भर्ती लिया गया है, हम न्याय के लिए भटक रहे हैं. हलाकान परेशान हम सरकारी दफ्तरों को चक्कर काट रहे हैं. इसकी शिकायत मेडिकल शिक्षा संचालनालय के अलावा स्वास्थ्य मंत्री और राज्यपाल से की गई है, लेकिन आज तक कोई कारर्वाई नहीं हुई है.

छत्तीसगढ़ पैरामेडिक कॉउंसिल के अध्यक्ष नरेश साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सरकारी संस्थानों को छोड़ किसी भी निजी विश्विविद्यालयों को मान्यता नहीं है, इसके बावजूद एडमिशन देकर सैकड़ों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. ऐसे में संस्थान पर दंडात्म एवं एफआईआर की कार्रवाई करें, साथ ही इसमें शासन-प्रशासन संज्ञान लेते हुए बच्चों का भविष्य को देखते हुए पैरामेडिकल कॉउंसिल में पंजीयन के लिए पहल करें.

आईटीएम विश्वविद्यालय के उप कुलपति सीताराम सोनी ने बताया कि हमें कोर्स संचालित करने का अधिकार है. पहले राज्य में पैरामेडिकल नहीं होता था, बाद में आया है. आगे के लिए मामला प्रक्रियाधीन है, जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा. बता दें बीएससी (एमएलटी) एवं ऑप्ट्रामेट्री तीन साल का कोर्स है, जिसका प्रथम बैच सन् 2018 में पास आउट हुआ है, और संस्थान अब मान्यता के लिए कवायद कर रहा है.