अमेरिका द्वारा H-1B वीजा पर हर साल 1 लाख डॉलर फीस लगाने के फैसले पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि इस कदम के ‘मानवीय असर’ पड़ सकते हैं, खासकर उन परिवारों पर जिनकी ज़िंदगी इससे जुड़ी हुई है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि सरकार इस फैसले के असर का अध्ययन कर रही है. इसमें भारतीय उद्योग जगत भी शामिल है, जिसने पहले ही इस पर शुरुआती विश्लेषण पेश किया है और H-1B वीजा को लेकर कई भ्रांतियों को साफ किया है.

इनोवेशन और प्रतिभा पर असर की चिंता

मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ही इनोवेशन और रचनात्मकता में साझेदार हैं. इसलिए उम्मीद है कि दोनों देश आगे के रास्ते पर मिलकर चर्चा करेंगे. भारत ने यह भी कहा कि कुशल पेशेवरों का आना-जाना तकनीकी विकास, इनोवेशन, आर्थिक वृद्धि और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में अहम योगदान देता है.

मानवीय संकट का खतरा

विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी कि इतनी भारी फीस से परिवारों पर गंभीर असर होगा. बहुत से लोग अमेरिका में अपने परिवारों के साथ बसे हैं और यह फैसला उनकी ज़िंदगी में बड़ी मुश्किलें ला सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को यह नया आदेश जारी किया, जिसके तहत अब H-1B वीजा की सालाना फीस 1 लाख डॉलर होगी. यह कदम अमेरिका की कड़ी इमिग्रेशन पॉलिसी का हिस्सा बताया जा रहा है.

भारत पर सबसे बड़ा असर

भारत के नागरिकों पर इस फैसले का सबसे ज्यादा असर होगा क्योंकि H-1B वीजा धारकों में 71% भारतीय हैं. फिलहाल करीब 3 लाख भारतीय प्रोफेशनल्स अमेरिका में H-1B वीजा पर काम कर रहे हैं, जिनमें अधिकतर IT सेक्टर से जुड़े हैं.

वीजा प्रोग्राम खत्म करने जैसा कदम

एक विश्लेषण के मुताबिक, यह फैसला H-1B वीजा प्रोग्राम को लगभग खत्म कर देगा. नई फीस एक नए H-1B वीजा धारक की औसत सालाना सैलरी से भी ज्यादा है और मौजूदा वीजा धारकों की 80% औसत आय के करीब है.

क्या ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मिलेगा बढ़ावा?

H-1B वीजा का इस्तेमाल कर हर साल हजारों भारतीय अमेरिका जाते हैं। जानकार लोग इसे प्रतिभा पलायन का अहम कारण मानते हैं। कुछ लोगों का तर्क है कि इससे भारत के लिए वैश्विक नेटवर्क और धन-प्रेषण का निर्माण होता है, लेकिन कुल मिलाकर इसका असर मूल्यवान मानव पूंजी के नुकसान के रूप में देखा जाता है, खासतौर से IT क्षेत्र में। ये भारतीयों के लिए स्वदेश लौटने का मौका है, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को भी बढ़ावा मिल सकता है।

क्या होता है H-1B वीजा?

H-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां दक्ष कर्मचारियों को नौकरियां देती हैं। ये तकनीकी, वैज्ञानिक और व्यावसायिक विशेषज्ञता वाले पेशेवरों को दिया जाता है। ये वीजा 3 साल के लिए होता है और इसे 3 साल के लिए रिन्यू किया जा सकता है। हर साल लाखों लोग इसके लिए आवेदन करते हैं, लेकिन लॉटरी के जरिए केवल 85,000 पेशेवरों को ही ये मिलता है। 72 प्रतिशत भारतीय इसका इस्तेमाल करते हैं।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m