Vaishno Devi Assembly Seat: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu and Kashmir Assembly Elections) के दूसरे चरण में 6 जिलों की 26 विधानसभा सीटों पर बुधवार (25 सितंबर) को मतदान हुआ। चुनाव आयोग (Election Commission ) के आंकड़ों के मुताबिक, इन सीटों पर 57.03% वोटिंग हुई। यह पिछले चुनाव के मुकाबले 3% कम है। इस दौरान सबसे अधिक वोटिंग हॉट सीट में शुमार वैष्णो देवी विधानसभा सीट पर हुई। यहां 79.95 प्रतिशत (80 फीसदी) मतदाताओं ने मतदान किया। वैष्णो देवी विधानसभा सीट नई सीट परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है। बीजेपी (BJP) ने इस सीट को लेकर पूरी ताकत झोंक रखी थी। और खुद पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) इस सीट को लेकर प्रचार के लिए कटरा पहुंचे थे। ऐसा में लोगों के बीच बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि वैष्णो देवी सीट अयोध्या (Ayodhya) की तरह BJP के लिए ‘नाक की साख’ साबित न हो जाए।
बता दें कि लोकसभा चुनावों से चंद महीने पहले अयोध्या में भव्य़ राम मंदिर बनाने के बाद भी बीजेपी उत्तर प्रदेश की फैजाबाद (अयोध्या) सीट हार गई थी। वहीं विधानसभा उपचुनाव में उत्तराखंड की बदरीनाथ की सीट भी नहीं जीत पाई थी। इन दो सीटों को लेकर विपक्ष ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला था। ऐसे में अब श्री माता वैष्णो देवी सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है।
वैष्णो देवी विधानसभा सीट का महत्व बीजेपी के लिए इसी बात से समझा सकता है कि 19 सितंबर को पीएम मोदी ने कटरा में करीब दो किलोमीटर लंबा रोड शो किया था। पीएम मोदी ने कहा, “यहां (जम्मू-कश्मीर में) एक ऐसी सरकार की जरूरत है, जो हमारी आस्था का सम्मान करे और हमारी संस्कृति को बढ़ावा दे।
पीएम मोदी की वैष्णो देवी मंदिर को लेकर आस्था किसी से छिपी नहीं है। 2014 में जब उन्हें बीजेपी ने पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया तो उन्होंने लोकसभा अभियान की शुरुआत करने से पहले मंदिर में प्रार्थना की थी। इस बार, महत्व दोगुना हो गया है, क्योंकि 2022 के परिसीमन के बाद, अब श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा सीट है, जो रियासी और उधमपुर विधानसभा क्षेत्रों से अलग हो गई है।
बीजेपी ने बलदेव राज शर्मा को बनाया अपना उम्मीदवार
हांलाकि, बीजेपी की राह यहां आसान नहीं दिख रही है क्योंकि उसके उम्मीदवार बलदेव राज शर्मा, जो पूर्व में रियासी से विधायक रह चुके हैं, उन्हें यहां कई तरह से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उनके सामने कुल सात उम्मीदवार हैं जिसमें कांग्रेस से भूपेंद्र सिंह भी शामिल हैं। बीजेपी के लिए चुनौती इसलिए भी है क्योंकि उसने इस सीट पर अपना उम्मीदवार बदला है। पहले इस सीट पर रोहित दुबे को उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन बाद में उनकी जगह बलदेव शर्मा को टिकट दिया। इसके बाद रोहित दुबे के समर्थक नाराज हो गए और सड़कों पर उतरकर अपनी नाराजगी जाहि की थी।
बारीदार समुदाय ने खड़ा किया अपना उम्मीदवार
जानकारों के मुताबिक वैष्णो देवी मंदिर के पूर्व संरक्षक बारीदार बीजेपी के लिए इस सीट पर सबसे बड़ा सिरदर्द साबित हो सकते हैं। पहले भाजपा का समर्थन करने वाले इस समुदाय ने इस बार अपने उम्मीदवार शाम सिंह को मैदान में उतारा है। यदि शाम सिंह को समुदाय से 14,000 वोट मिलते हैं, तो वह बीजेपी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
पीढ़ियों से वैष्णो देवी मंदिर में आरती करने वाले बारीदार, मंदिर में पूर्ण पूजा करने के अपने अधिकारों की बहाली और श्राइन बोर्ड में अपने परिवार के सदस्यों के लिए नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। समुदाय के सदस्य अपनी समस्याओं का “स्थायी समाधान” नहीं होने के लिए बीजेपी पर विश्वासघात करने का आरोप लगा रहे हैं।
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