कुमार इंदर,  जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में बाईपास के पास 25 अप्रैल को हुए कबाड़ गोदाम ब्लास्ट के मामले में फरार आरोपी शमीम कबाड़ी की मुश्किलें अब और ज्यादा बढ़ने वाली है। इस मामले में कोर्ट ने एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि 29 जून के पहले या तो शमीम कबाड़ी गिरफ्तार होकर खुद ही अपनी सारी संपत्तियों की जानकारी दे, दे।  वरना उसकी सारी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी। जिसे लेकर पुलिस और प्रशासन ने मिलकर शमीम कबाड़ी की संपत्ति का ब्योरा निकालना शुरू भी कर दिया है। 

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आपको बता दे की घटना के 50 दिन बाद भी आरोपी शमीम कबाड़ी का कोई सुराग नहीं लग पाया है। जबकि आरोपी शमीम कबाड़ी पर पुलिस ने 30 हज़ार रूपए का इनाम भी घोषित किया हुआ है। इसके बावजूद अब तक उसका कोई अता पता नहीं है, यही वजह है कि अब पुलिस ने आरोपी पर शक्ति बढ़ाने के लिए कोर्ट का सहारा लिया है।

खुद किराए के मकान में रहता था शमीम कबाड़ी 

जिस फरार शमीम कबाड़ी के खिलाफ कोर्ट ने संपत्ति कुर्क करने के लिए कहा है वह खुद ही किराए के मकान में रहता था। शमीम कबाड़ी इतना शातिर है कि उसने अपने नाम पर कोई संपत्ति नहीं बनाई। यहां तक की जिस कबाड़ गोदाम में ब्लास्ट हुआ था वह भी उसके बेटे के नाम पर है, जबकि रद्दी चौकी में एक 2000 स्क्वायर फीट का प्लाट भी शमीम कबड्डी के पिता के नाम पर है। जानकार बताते हैं कि शमीम कबाड़ी ने दोस्त यार और रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति बनाई है। जिसे खोजना पुलिस और प्रशासन के लिए बेहद टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।  इसका मतलब साफ है कि सलीम कबाड़ी को इस बात का अंदाजा था कि किसी न किसी दिन यह हालात बनेंगे और उसकी संपत्ति पर प्रशासन की नजर पड़ेगी। लिहाजा शमीम कबड्डी ने संपत्ति अपने नाम पर न बनाकर बेनामी संपत्ति बनाई है, अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन समीम कबाड़ी की बेनामी संपत्ति ढूंढ पता है या नहीं।

क्या है पूरा मामला 

25 अप्रैल को जबलपुर के अधारताल थाना इलाके में संचालित रजा स्टील के कबाड़ गोदाम में हुए भीषण धमाके से आसपास के कई इलाके थर्रा उठे थे। ब्लास्ट में दो लोगों की मौत भी हुई थी। 25 अप्रैल को भी गोदाम में करीब 10 कारीगर काम कर रहे थे कि इसी बीच गोदाम में जोरदार धमाका हुआ, इससे कबाड़ गोदाम का पूरा छज्जा जहां गिर पड़ा तो वहीं आसपास लगे करीब 15 किलोमीटर का इलाका भी जोरदार धमाके से दहल गया था।

धमाका इतना भीषण था कि इलाके में रहने वाले लोगों को भूकंप के झटकों जैसा एहसास हुआ था। हादसे के बाद ब्लास्ट के कई सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए थे जिसमें साफ तौर पर नजर आ रहा था कि, आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग ब्लास्ट के बाद बुरी तरह से दहशत में आ गए हैं। सीसीटीवी फुटेज में भी इलाके के लोगों को अपनी जान बचाकर भागते हुए  साफ तौर पर देखा जा सकता था।

जबलपुर का कुख्यात कबाड़ी है शमीम 

रज़ा मेटल इंडस्ट्री का मालिक जबलपुर का कुख्यात कबाड़ कारोबारी शमीम हाजी है, जिसे शमीम कबाड़ी के नाम से भी जाना जाता है। शमीम कबाड़ी पिछले कई सालों से प्रशासन के निशाने पर है। चोरी के वाहनों को काटने से लेकर अन्य अवैध गतिविधियों के मामले में कई बार उसके कबाड़ के गोदाम में प्रशासन और पुलिस की टीमों ने छापेमारी भी की है।

जांच में क्या मिला संदिग्ध

रजा मेटल इंडस्ट्रीज में विस्फोट की घटना को लेकर हिस्ट्रीशीटर शमीम कबाड़ी सहित उसके बेटे फहीम और एक अन्य के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का मामला पंजीबद्ध किया है। कबाड़खाने से एनएसजी की टीम को सेना के उपयोग में आने वाले जिंदा बमों की खेप बरामद हुई है। जिसकी बारिकी से जांच-पड़ताल की जा रही है। आर्मी स्क्रैप मिलने से आयुध निर्माणियों की भी बड़ी चूक सामने आई है। इधर, एनआईए और एनएसजी के अलावा आर्मी की इंटेलीजेंस टीम भी इस मामले की जांच कर रही है। जांच में अलग-अलग तरह के बमों के खोखे और उसमें कुछ जिंदा बम भी बरामद हुए थे। समीम कबड्डी के गोदाम में बरामद बमों के जबलपुर की बीडीडीएस की टीम ने नष्ट किया था।

ठेका किसी और का काम किसी और का 

खजरी खिरिया बायपास स्थित हिस्ट्रीशीटर शमीम कबाड़ी के दरअसल द प्रपंच के पास एग्रीमेंट की कॉपी है। जिसमें साफ लिखा है आयुध निर्माणी ने स्कै्रब का ठेका ग्लोबल ट्रेडर्स के सुल्तान अली निवासी आनंद नगर जबलपुर को दिया गया है। जिसमें बतौर गवाह हिस्ट्रीशीटर शमीम कबाड़ी के पुत्र मोहम्मद फहीम खान के हस्ताक्षर हैं।  21 अगस्त 2023 को जारी किया गया ठेका ग्लोबल ट्रेडर्स के सुल्तान अली के नाम है। लेकिन इस पर आयुध निर्माणियों से स्क्रैप शमीम कबाड़ी उठा रहा था।

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