जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर से बड़ी खबर सामने आई है. कोरोना के तांडव काल में जिंदगी के सौदगार और मौत के जिम्मेदार पर एक्शन के निर्देश दिए गए हैं. सिटी अस्पताल के निदेशक सरबजीत सिंह मोखा और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. जिला अदालत ने तहकीकात कर सख्त कार्रवाई करने को कहा है.

दरअसल, मार्च, 2021 में इलाज के दौरान एडवोकेट महेश श्रीवास के पिता विजय श्रीवास की मौत हो गई थी. आरोप था कि सिटी अस्पताल ने चंद पैसों के लिए आपदा को अवसर में बदला और नकली रेमेडीसिवीर इंजेक्शन लगाकर एक शख्स की जान ले ली, जिसके बाद एडवोकेट महेश श्रीवास ने जिला अदालत में याचिका लगाई थी. अब अदालत ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

बताया जा रहा है कि मृतक सीजीएचएस यानी केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना का लाभार्थी था. विजय श्रीवास के कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे जबलपुर के सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन आरोप है कि उसे अस्पताल में नकली रेमडेशिविर इंजेक्शन दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई.

मृतक के वकील बेटे ने संबंधित थाने और पुलिस अधिकारियों से कार्रवाई की मांग, लेकिन शिकायत अस्पताल संचालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. मामले की जिला अदालत में शिकायत की. साथ ही योजना के लाभार्थी के कार्ड पर फर्जी मरीजों का इलाज कर सरकार से लाखों रुपये भी ले लिए गए.

शिकायत पर सुनवाई करते हुए जबलपुर जिला न्यायालय ने सिटी अस्पताल प्रबंधन एवं अस्पताल के निदेशक सरबजीत सिंह मोखा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

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