कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए है। साथ ही कोर्ट ने एक लाख रुपये की कास्ट भी लगाई है। अदालत को गुमराह करने पर विभाग की जांच के आदेश दिए गए है। HC ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट आंख में पट्टी बांधकर काम नहीं करती है।

दरअसल, हाईकोर्ट ने एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियमितीकरण के आदेश दिए थे। पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर एचसी वर्मा ने 2004 को याचिकाकर्ता की नियमितीकरण की पात्रता को खारिज कर दिया था। बालाघाट निवासी कृष्ण कुमार ने नियमितीकरण को लेकर याचिका दायर की है।

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गुरुवार को इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने PWD के चीफ इंजीनियर के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए। कोर्ट ने चीफ इंजीनियर वर्मा पर एक लाख रुपए की कास्ट भी लगाई है। यह राशि उन्हें अपनी जेब से भरनी होगी।

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वहीं हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव PWD को 3 महीने के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है। कोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर पूर्व के आदेश के पालन करने के लिए भी निर्देशित किया है। आदेश का पालन न होने पर इंजीनियर इन चीफ को दोबारा कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए गए है। आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस विवेक अग्रवाल की बैच में हुई।

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