कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों को सख्त निर्देश दिए है। बिना मान्यता के छात्रों को एडमिशन देने पर जेल हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने पर कॉलेज या विश्वविद्यालय के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया कि नए सत्र से पहले ही मान्यता प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
हाईकोर्ट के मुताबिक, शैक्षिक संस्थान को हर हाल में 31 दिसंबर के पहले रिन्यूअल फीस जमा करनी होगी। रिन्यूअल फीस जमा होने के बाद ही बीसीआई मान्यता देगा। कॉलेजों की मान्यता रिन्यू नहीं होने पर उन्हें अपने पोर्टल पर जानकारी देना होगी। कोई संस्था समय पर फीस नहीं देती तो बीसीआई कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
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पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने भोपाल के पुलिस कमिश्नर को जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुपम राजन और पुलिस कमिश्नर हरि नारायणचारी मिश्रा ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश की।
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आपको बता दें कि जबलपुर के लॉ स्टूडेंट पंकज भट्ट वह अन्य ने याचिका लगाई है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि सेंट्रल इंडिया लॉ इंस्टीट्यूट, जबलपुर से LLB की पढ़ाई पूरी की, लेकिन स्टेट बार काउंसिल ऑफ मध्यप्रदेश ने उनका रजिस्ट्रेशन करने से इनकार कर दिया, क्योंकि संस्थान की BCI मान्यता समाप्त हो चुकी थी। बाद में पता चला कि संस्थान ने BCI को रिन्युअल फीस जमा नहीं कराई थी।
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