कुमार इंदर,जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) में लॉ यूनिवर्सिटी (law university) की एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। जहां परिंदा भी ना मार सके पर, वहां पर कानून की छात्रा की आबरू तार तार हो गई। पीड़ित छात्रा ने आर्मी के दो जवानों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। छात्रा के साथी के साथ जवानों ने मारपीट भी की है। इसके अलावा छात्रा को आर्मी जवानों ने जबरन गाड़ी में बैठाने की कोशिश करते हए गाली गलौज भी की है। जिसकी शिकायत पीड़िता ने गोराबाजार थाने में की है। घटना गोराबाजार थाना इलाके की बताई जा रही है।   

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मिली जानकारी के अनुसार घटना 21 मार्च की रात आर्मी कैम्पस की है। छात्रा डिनर के बाद अपने दोस्तों के साथ आ रही थी, तभी कार से आए दो लोगों ने उसका हाथ पकड़कर बदतमीजी की। साथ ही छात्रा को जबरन कार में बैठाने की कोशिश की। विरोध करने पर छात्रा के दो साथी छात्रों को भी पीट दिया। बताया जा रहा है कि आरोपियों की कार पर आर्मी लिखा था। पुलिस ने पीड़ित छात्रा की शिकायत पर केस तो दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

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बताया जा रहा है कि छात्रा महाराष्ट्र के नागपुर की रहने वाली है और जबलपुर लॉ यूनिवसिर्टी में फाइनल ईयर में पढ़ रही है। छात्रा का आरोप है कि गोरा बाजार पुलिस ने दोनों की जानकारी जुटा ली है, पर उन्हें अरेस्ट नहीं कर रही है। छात्रा ने आरोप लगाया है कि मुझ पर FIR वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। घटना के बाद से डर लग रहा है। पुलिस ऑफिसर्स और यूनिवर्सिटी के कुलपति से भी मामले की शिकायत की है। 

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वहीं मामले में यूनिवर्सिटी डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर प्रवीण त्रिपाठी का कहना है कि बच्चे वैलिड आउट पास लेकर ही गए थे। 12 बजे तक हॉस्टल में आने का समय है और वे इससे पहले ही आ गए थे। स्टूडेंट्स के साथ हुई घटना गंभीर है।

बेहद सुरक्षित जगह पर भी असुरक्षित रही छात्रा

आपको बता दें कि जिस जगह यह घटना घटी है वहां पर सिविलियंस का आना-जाना तक मना है। इतना ही नहीं घटना वाली जगह पर सुरक्षा इतनी चाक-चौबंद कि, परिंदा भी पर नहीं मार सकता और ऐसी ही जगह पर एक कानून की पढाई करने वाली छात्रा छेड़छाड़ का शिकार हुई है। पूरा एरिया आर्मी इलाके से घिरा हुआ है उसके बावजूद इस तरह की घटना वह भी आर्मी ऑफिसर के द्वारा करना अपने आप में बेहद ही शर्मनाक है।

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आर्मी अपने स्तर पर करती इस तरह के मामलों की जांच

आपको बता दें कि इस तरह के मामलों की जांच करने के लिए आर्मी की पेर्लर एजेंसी है, आर्मी की खुद की पुलिस होती है जिसे ‘CMP’ पुलिस भी कहा जाता है जो इस तरह के मामलों की अपने लेवल पर जांच करती है। आर्मी का अपना एक कानून है जिसके तहत इस तरह के मामलों में सजा दी जाती है।

आरोप सही पाए गए तो हो सकता है कोर्ट मार्शल

जानकारों का मानना है कि यदि छात्रा द्वारा लगाए गए इतने गंभीर आरोप सही पाए जाते हैं तो इस मामले में दोनों दोषी अधिकारियों के खिलाफ आर्मी अपने कानून के तहत कोर्ट मार्शल भी कर सकती है। आर्मी इस तरह के केस में कोर्ट मार्शल में आरोपियों की नौकरी भी जा सकती है, या लॉस ऑफ सीनियर्टी का आदेश भी सुना सकती है या फिर सजा भी सुनाई जा सकती है। सारी प्रक्रिया करने के बाद मामला सिविल यानी पुलिस को सौंप देती है उसके बाद भी पुलिस अपनी तरह से इन्वेस्टिगेट करती है।

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क्या है प्रावधान

इस तरह के आरोप लगने या मामले आने पर सबसे पहले CMP यानी आर्मी पुलिस एमबी एरिया को रिपोर्ट करती है, जिसके बाद कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठाई जाती है. यदि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में आरोप सही पाए जाते है तो फिर, GCM यानी जनरल कोर्ट मार्शल बैठता है. जीसीएम में समरी एविडेंस का मिलान किया जाता है जिसमें जीसीएम आरोपियों को सजा सुनाने का काम करती है। जिसमें नौकरी जाने का भी प्रावधान है।

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