इंदर कुमार,जबलपुर। मप्र के जबलपुर में निजी अस्पतालों की मनमानी किस कदर हावी है, इस बात का खुलासा कल एक डॉक्टर के खिलाफ दर्ज हुई एक आफआईआर से हुआ है. दरअसल शहर के स्टार अस्पताल के डॉक्टर की भारी लापरवाही का खामियाजा एक बच्ची को जान देकर चुकाना पड़ी. जांच में पता चला है कि बच्ची की जान गैर डिग्री धारी डॉक्टर और अस्पताल के अनुभव हीन स्टॉफ के चलते चली गई. एक 13 साल की बच्ची के परिजनों को जब यह पता चला कि इलाज के दौरान हुई उनकी बच्ची की मौत का कारण कोई और नहीं बल्कि एक अप्रशिक्षित डॉक्टर और फर्जी स्टॉफ है, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. लार्डगंज पुलिस ने आरोपी डॉक्टर और अस्पताल के संचालक डॉ. राजीव जैन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. अस्पताल के डॉ राजीव जैन के अलावा अन्य कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की बात कही जा रही है.

जांच में हुए बेहद चौंकाने वाले खुलासे

इस मामले की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने एक दल गठित किया था. जांच टीम ने मौके पर जाकर जब पूरे मामले की जांच की तो पाया कि अस्पताल संचालक डॉ. राजीव जैन ने पीआईसीयू वार्ड में जिन लोगों की ड्यूटी लगाई हुई है, उनके पास ना तो ड्यूटी डॉक्टर होने की डिग्री है और ना ही चिकित्सकीय विभाग से जुड़े किसी भी प्रकार के कोई दस्तावेज है. वह सिर्फ और सिर्फ अंदाज में अस्पताल में अपनी सेवाएं देते हुए यहां पर आने वाले गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

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क्या है पूरा मामला ?

डॉ. सनीता तिवारी की बेटी खुशी की स्टार हॉस्पिटल में उपचार के दौरान 19 मई 2021 को मौत हो गई थी. डॉ. तिवारी ने अस्पताल संचालक डॉक्टर राजीव जैन और प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया था. मामले में लार्डगंज पुलिस समेत पुलिस के आला अधिकारियों और सीएमएचओ से शिकायत की गई थी. जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन पीआइसीयू में डॉ. गजेंद्र जंगेला समेत टेक्नीशियन भगवान सिंह ठाकुर और शालिनी खरे की ड्यूटी थी.

पुलिस कंट्रोल रूम में पदस्थ है बच्ची की माँ

बता दें कि बच्ची की माँ सुनीता तिवारी पुलिस कंट्रोल रूम में पदस्थ है. डॉक्टर सुनीता तिवारी की बेटी खुशी तिवारी की मई में अचानक तबीयत बिगड़ने पर इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते 19 मई को बच्ची की मौत हो गई थी.

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