रायपुर. गणेश हाथी मर गया. सुबह उसकी लाश धर्मजयगढ़ में मिली. गणेश की मौत के कई घंटों बाद भी इस सवाल का जवाब नहीं मिल रहा है कि गणेश की मौत कैसे हुई.
जो वीडियो वन विभाग ने जारी किया है उसे देखकर लगता है कि धर्मजयगढ़ की डीएफओ प्रियंका पांडेय जैसे हाथी की मौत की वजह हाथी का कटहल खाना मान रही हैं. उनकी मौत के बाद ये थ्योरी सवालों के घेरे में है. फॉरेस्ट और वाइल्ड लाइफ पर गहरी पकड़ रखने वाले बीबीसी के पत्रकार आलोक पुतुल ने ट्वविट करके सवाल उठाए हैं. आलोक पुतुल ने लिखा है-
https://twitter.com/thealokputul/status/1273501430549114881?s=20
इसी पोस्ट पर जवाब देते हुए वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट मीतु गुप्ता ने लिखा है कि हाथियों को जैकफ्रूट यानि कटहल बेहद पसंद है.उन्होंने भी इस थ्योरी को खारिज़ कर दिया है कि कहटल खाने से हाथी की मौत हो सकती है.
#Jackfruit is favourite food of #elephant ..not possible that cause of jackfruit it died.
— Meetu Gupta (@MeetuGuptaCG) June 18, 2020
गणेश हाथी की मौत पर उठते सवालों के बीच वन विभाग ने इसका पोस्टमार्टम बाहर से आए एक्सपर्ट से कराने का फैसला किया है. मौके पर मौजूद विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने फॉर्म के मालिक को वहीं अपने पास रखा है. वे इस आशंका को खारिज नहीं कर रहे हैं कि बिजली के करंट से हाथी की मौत हुई होगी. फिलहाल वे पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं. बिजली की करंट से मौत को वजह मानने की एक बड़ी वजह है कि मौत के वक्त गणेश हाथी का गुप्तांग बाहर निकला हुआ है. जानकार बताते हैं कि ऐसा तभी होता है जब जानवर को भंयकर स्ट्रेस हुआ हो.
लेकिन वीडियो देखने के बाद ये थ्योरी किसी को हज़म नहीं हो रही है कि हाथी की मौत कटहल खाने या पहले से बीमार रहने से हुई होगी. लल्लूराम डॉट कॉम से बात करते हुए हाथियों के देश के सबसे बड़े विशेषज्ञों में से एक डॉ डीएस श्रीवास्तव ने कहा है कि हाथी के मौत की दो ही वजहें हो सकती हैं. पहली वजह उसे कोई तेज़ ज़हर दिया गया हो या फिर करंट लगने से उसकी मौत हुई हो.
डॉक्टर श्रीवास्तव ने हाथियों के पारिस्थितिकी पर पीएचडी की है और वे रांची यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रहे हैं. डॉक्टर श्रीवास्तव का कहना है कि हाथी की हालत देखकर एकदम से कुछ नहीं बोला जा सकता है. उसकी मौत कटहल खाते हुए हुई है. इसका मतलब है कि पहले से वो बीमार नहीं था. जानवर बीमार होने पर पहले खाना छोड़ता है.
डॉक्टर श्रीवास्तव का कहना है कि कटहल खाने से हाथी का पेट फूल सकता है और उससे उसकी तबियत बिगड़ सकती है. लेकिन इस प्रक्रिया में 6-7 घंटे लगते हैं. अगर उसने 6-7 घंटे पहले कहीं और कटहल खाया भी होगा और उससे गैस बनी होगी तो वो फिर से कटहल खाने नहीं आता बल्कि वो पानी पीने जाता.
उनका कहना है कि हो सकता है कि वहां करंट लगा हो जो वहां से हटा लिया गया हो या फिर उसने कटहल खाने के दौरान कोई तेज़ ज़हर खा लिया हो जिसका असर तत्काल हुआ हो.
लेकिन करंट लगने से निशान बनता है. बॉडी पर निशान पड़ जाता है. इसके अलावा उसका गुप्तांग बाहर नज़र आ रहा है. जो नज़र नहीं आ रहा है. फिलहाल इंतज़ार किया जा रहा है कि पोस्टमार्टम हो. उसके बाद ही गणेश हाथी की मौत की वजह से राज़ खुलेगा.