किशनगंज । जिले में इनकम टैक्स विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उद्योगपति जयकरण दफ्तरी से जुड़े दफ्तरी ग्रुप की लगभग 100 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त की है। विभाग की सीनियर अधिकारी सुनीता कुमारी के नेतृत्व में हुई इस छापेमारी में कई अहम खुलासे हुए हैं। यह कार्रवाई आर्थिक अनियमितताओं, काले धन और हवाला नेटवर्क की जांच के तहत की गई है।

सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त टीम ने किशनगंज के अलावा सिलीगुड़ी, सूरत, राजस्थान और गुजरात में 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। केवल किशनगंज में ही 25 ठिकानों को टारगेट किया गया, जिनमें नेमचंद रोड, भगतटोली, धर्मशाला रोड, पश्चिमपाली और सुभाषपाली स्थित आवासीय और व्यावसायिक परिसरों में छापे मारे गए।

बड़ी गड़बड़ी आई सामने

छापेमारी के दौरान टीम को 1000 से अधिक प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज, भारी मात्रा में सोने की ज्वेलरी और डिजिटल डेटा मिला है। इसके साथ ही एक फर्नीचर शोरूम में भी खरीद-बिक्री में बड़ी गड़बड़ियों के सबूत मिले हैं, जहां लेन-देन फर्जी तरीके से किए गए थे।

दफ्तरी ग्रुप का कारोबार चाय बागान, मॉल, फर्नीचर, होटल, निर्माण और वाहन बिक्री तक फैला हुआ है। यह व्यवसाय राजकरण, जयकरण और विजयकरण – तीन भाइयों द्वारा संचालित किया जाता है। जयकरण दफ्तरी ने 90 के दशक में 5 एकड़ में चाय बागान से शुरुआत की थी और आज उनके पास 500 एकड़ से अधिक जमीन0 पर चाय की खेती है। उनकी ‘राजबाड़ी चाय’ देशभर में प्रसिद्ध है।

कार्रवाई के दौरान राजकरण दफ्तरी से पूछताछ के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।

इस छापेमारी से किशनगंज के व्यापारिक समुदाय में हड़कंप मच गया है। स्थानीय व्यापारी वर्ग में डर और अनिश्चितता का माहौल है। फिलहाल आयकर विभाग की जांच जारी है और अधिकारियों को अभी और बड़े खुलासों की उम्मीद है।

कौन हैं जयकरण दफ्तरी?

जयकरण दफ्तरी किशनगंज के एक प्रमुख उद्योगपति हैं, जिनका कारोबार चाय बागान, मॉल, होटल, फर्नीचर, कपड़ा और वाहन बिक्री जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है। उनका परिवार आजादी से पहले राजस्थान के चुरू जिले से किशनगंज आया था। 90 के दशक में जयकरण ने 5 एकड़ जमीन पर चाय बागान से शुरुआत की थी, जो अब 500 एकड़ तक फैल चुका है। उनकी ‘राजबाड़ी चाय’ देशभर में जानी जाती है। किशनगंज, ठाकुरगंज और कटिहार में उनके कई मॉल, होंडा शोरूम और गोदरेज जैसी कंपनियों के डीलरशिप हैं। वे किशनगंज के सबसे बड़े रियल एस्टेट कारोबारियों में गिने जाते हैं।