रायपुर। आदिवासियों के हितों को लेकर राज्य सरकार की ओर बनाई गई कमेटी ने आज नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के जनजाति वर्ग के खिलाफ दर्ज मामलों की समीक्षा की. जस्टिस ए.के. पटनायक की अध्यक्षता में बनाई इस कमेटी ने जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों की रिहाई को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा की गई.

सर्किट हाउस में हुई इस बैठक में बस्तर संभाग के सभी 7 जिले और दुर्ग संभाग के राजनांदगांव जिला को मिलाकर 8 जिलों में दर्ज आदिवासियों के विरुद्ध प्रकरणों पर चर्चा की गई. बैठक में  समिति द्वारा प्रत्येक प्रकरणों की उसके गुणदोषों के आधार पर समीक्षा कर संबंधित अनुसूचित जनजाति वर्ग के हित में न्यायोचित कार्यवाही समयबद्ध कार्य योजना के तहत करने का निर्णय लिया गया. वहीं नक्सल घटना से संबंधित प्रकरणों में कार्यवाही हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक सुंदरराज पी. भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं एवं स्थानीय विशेष अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों में कार्यवाही हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक संजीव शुक्ला, आबकारी अधिनियम से संबंधित प्रकरणों में कार्यवाही हेतु सचिव-आयुक्त, आबकारी विभाग तथा आवश्यक समन्वय हेतु सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया.

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में करीब 11 हजार से अधिक आदिवासी अलग-अलग मामलों में बंद हैं. इसमें फिलहाल सरकार की ओर से 4 हजार आदिवासियों को रिहा करने का सैद्धांतिक फैसला ले लिया है. आचार संहिता हटने के बाद इस औपचारिक मुहर लग जाएगी. मतलब जल्द ही आदिवासियों की रिहाई होने जा रही है.