सुकमा। अहिंसा यात्रा प्रणेता परमाराध्य आचार्य श्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ रविवार सुबह 7 बजे सुकमा जिले के रामाराम गांव के हाईस्कूल से 10 किमी विहार कर सुकमा शहर पहुंचे. रास्ते में जगदलपुर विधायक रेखचन्द जैन व उनके पिताजी, हरीश लखमा सहित श्रद्धालुओं ने अगुवाई करते हुए दर्शन कर मंगलपाठ सुना.
विहार में सुकमा के अलावा मलकानगिरी, जगदलपुर, गीदम, केसकाल, रायपुर, दुर्ग-भिलाई ,राजनांदगांव के श्रद्धालु श्रावक सम्मिलित हुए. सुकमा प्रवेश में गुरुदेव के भव्य स्वागत में विशेष रूप से सकल जैन समाज के गणमान्य प्रतिनिधियों के अलावा तेरापंथ समाज के राजकुमार लोढा, किशोरीलाल कोठारी, मनीष नाहर, सुनील भंसाली, मोंटू गादिया, विशाल गादिया, गौतम पोकरणा, निर्मल कोठारी, सुरेन्द्र सुराणा, केसकाल से तातेड़, गीदम से बुरड़ के अलावा वरिष्ठ श्रावक उपस्थित थे. शहर में प्रवेश के दौरान लगभग 500 श्रद्धालुओं सहित गुरुदेव जैन ओसवाल भवन पधारे. आज सुकमा हाई स्कूल में गुरुदेव का प्रवचन होगा.
गौरतलब है कि आचार्य श्री महाश्रमण ने पहले राजधानी दिल्ली के लाल किले से अहिंसा यात्रा शुरू की थी. उनकी यह पदयात्रा राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय होकर संपूर्ण मानवता को अहिंसा से अभिप्रेरित करने वाली है.
यह पहला अवसर है. जब कोई जैन आचार्य पदयात्रा करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र का स्पर्श कर रहे हैं. जैन संत आचार्य महाश्रमण जी देश के असम, बंगाल, बिहार, मध्यप्रदेश, ओडिशा व छत्तीसगढ़ राज्य सहित नेपाल में भी अहिंसा पदयात्रा निकाल रहे हैं. इस अहिंसा यात्रा में आचार्य श्री महाश्रमण के साथ करीब 100 से अधिक जैन संतों सेव श्रद्धालुओं का काफिला है. प्रति दिन 15 से 20 किमी तक पदयात्री करते हैं. उसके बाद पड़ाव स्थसल पर वे स्वयं भोजन आदि बनाकर ग्रहण करते हैं. जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा पदयात्रा सहित रुकने की व्यवस्था करवाई जा रही है.