Jaipur Blast: जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए भीषण टैंकर ब्लास्ट हादसे में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 32 घायलों का इलाज एसएमएस अस्पताल में चल रहा है। हादसे के बाद की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। घायलों में से कुछ वेंटिलेटर पर हैं, जबकि कई 50% से अधिक जल चुके हैं। डॉक्टर उन्हें बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।

घटना के बाद एसएमएस अस्पताल ने बर्न वार्ड की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है, जिसमें अब तक 8 शवों को अस्पताल लाए जाने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, 5 अन्य शव शुक्रवार को घटनास्थल से लाए गए थे। जयपुरिया अस्पताल में एक अन्य व्यक्ति की मौत होने के बाद कुल मृतकों की संख्या 14 हो गई है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, घायलों में से दो की हालत बेहद गंभीर है, जबकि अन्य घायल 45% से कम झुलसे हुए हैं।

हादसे में एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के लापता होने की खबर भी सामने आई है। उनकी गाड़ी घटनास्थल पर मिली, लेकिन वे वहां मौजूद नहीं थे। पुलिस के अनुसार, अचानक आग फैलने से कई लोग अपने वाहनों से बाहर नहीं निकल सके और उनकी पहचान मुश्किल हो रही है। कुछ अवशेषों को पोटली में अस्पताल भेजा गया है, जिनकी शिनाख्त अभी बाकी है।

यह हादसा जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार सुबह हुआ, जब भांकरोटा के पास एक एलपीजी टैंकर को पीछे से आ रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर के कारण टैंकर से गैस लीक हुई और उसमें आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि आसपास खड़ी एक बस, कई ट्रक, कारें और बाइक इसकी चपेट में आ गईं। हाईवे पर आग ने लगभग 300 मीटर के दायरे को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे वहां लंबा जाम लग गया।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटनास्थल का दौरा कर भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपाय करने की बात कही है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को ₹5-5 लाख और घायलों को ₹1-1 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिवारों को ₹2-2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

यह हादसा सड़क सुरक्षा और भारी वाहनों के रखरखाव पर सवाल खड़ा करता है। प्रशासन द्वारा मामले की जांच जारी है और ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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