प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की थी और क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह का था. तो योजना की कामयाबी के डंके बजने ही थे.  कुछ यही हुआ हमर छत्तीसगढ़ योजना के साथ. हमर छत्तीसगढ़ योजना एक ऐसी योजना है जिसकी सराहना देश भर में हो रही है. कई राज्यों के मंत्री और अधिकारियों कादल रायपुर इस योजना को जानने और देखने पहुँच चुका है.   

 

रमन सरकार के सफलता के इन 15 सालों में सबसे अहम भूमिका राज्य की सशक्त पंचायतों की है. पंचायत स्तर के जन-प्रतिनिधियों के जरिए सरकार अंतिम पंक्ति के लोगों तक अपने विकास कार्यों को पहुँचा पाती है. ऐसे में सरकार के लिए ये भी जरूरी था कि वे अपने राज्य के इन पंचायत प्रतिनिधियों को उनके ही विकासकार्यों का अवलोकन कराने उन्हें अपने करीब लेकर आएं. इसके लिए राज्य सरकार ने दो वर्षीय योजना हमर छत्तीसगढ़ की शुरुआत की. इस योजना के तहत सरकार डेढ़ लाख से ज्यादा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और महिला स्व सहायता समूह की पदाधिकारियों ने राजधानी का अध्ययन भ्रमण किया. सरकार ने पंचायतों को सशक्त करने का जो वादा किया है उसमें अब सफल हो रहे हैं. सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों से जैसा कहा, वैसा किया.

2 साल पहले 1 जुलाई 2016 को हमर छत्तीसगढ़ योजना की शुरुआत हुई थी. सीएम रमन सिंह कहते हैं कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से शुरू की गई है. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को राज्य के विकास के लिए संचालित गतिविधियों और राजधानी में स्थापित अधोसंरचनाओं को दिखाकर विकास के प्रति उनमें एक नया दृष्टिकोण विकसित करना है. सबसे अच्छी बात ये है कि मुख्यमंत्री खुद अपने इस योजना के बेहद मुरीद है. वे खुद मानते हैं कि एक साथ 20 हजार गांव के लोगों को मुलाकात कर पाना या उनके पास जा पाना कठिन था. लेकिन इस योजना के जरिए वे हजारों गांव के लोग से मिल चुके हैं. मुख्यमंत्री खुद योजना के तहत रायपुर आने वाले लोगों से मिलते हैं, उनसे बातें करते हैं.

इस योजना में आने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को नया रायपुर स्थित होटल एवं प्रंबधन संस्थान में ठहराया जाता है. उन्होंने नया रायपुर के विभिन्न स्थलों का भ्रमण कराया जाता है. दो दिनों के अध्ययन प्रवास के दौरान पंच-सरपंचों और जन प्रतनिधियों को विभिन्न विभाग के कर्मचारी पूरी जानकारी देतें है- पंचायत प्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूहों और सहकारिता क्षेत्र के प्रतिनिधियों को जिन स्थलों का भ्रमण कराया जाता है उनमें जंगल सफारी, मंत्रालय, विधानसभा, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, साइंस सेंटर, ऊर्जा पार्क, शहीद वीर नारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, फाइव-डी इमर्सिव डोम, माना विमानतल एवं पुरखौती मुक्तांगन शामिल है. इसके साथ ही पुरखौती मुक्तांगन में लाइट एंड साउंड शो के जरिए उन्हें छत्तीसगढ़ से जुड़े पौराणिक आख्यानों, इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति, छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने की कहानी के साथ ही प्रदेश की उपलब्धियों एवं योजनाओं की जानकारी दी जाती है.

यही नहीं इसके साथ-साथ नया रायपुर पहुंचने वाले भ्रमण दल को सेंट्रल पार्क स्थित इमर्सिव डोम थियेटर जो कि फाईव-डी तकनीक से तैयार किया गया, वहां उन्हें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का विकास एवं योजनाओं को भी दिखाया जाता है. अच्छी बात ये भी है कि अध्ययन दल को पर्यटन विभाग की ओर से 20 टूरिस्ट गाईड उपलब्ध कराए गए हैं. ये गाईड छत्तीसगढ़ी, हल्बी और गोंडी बोली में भ्रमण दल को जानकारी देते हैं. जिससे कि वे बेहतर तरीके से राज्य के विकास को समझ सकें. प्रतिदिन शाम को आवासीय परिसर में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाता और इस दौरान स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित प्रतियोगिता में ओडीएफ के बारे में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम होता. इसका सही जवाब देने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाता था. वहीं सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण इन्हें कार्य इन्हें विधिक जागरूकता शिविर के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों के जज तथा विधिक अधिकारी प्रतिनिधियों को अधिकारों एवं कानूनों की जानकारी भी दी जाती थी.

अब तक राज्य के सभी 27 जिलों की 10,971 ग्राम पंचायतों के1,70,285 निर्वाचित प्रतिनिधि, 111 नगर पंचायतों के 1,768 जनप्रतिनिधियो के साथ ही करीब चार हजार सेवा सहकारी समितियों के लगभग 32,000 प्रतिनिधियों को बारी-बारी से दो दिवसीय अध्ययन भ्रमण कराया गया.

इस योजना के अब तक के सफर को समझते हैं-

  • त्रिस्तरीय पंचायतीराज प्रतिनिधियों के सशक्तिकरण और उनका अनुभव संसार समृद्ध करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 जुलाई 2016 को योजना की शुरुआत हुई.
  • राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना हमर छत्तीसगढ़ के तहत 30 जून 2018 तक तकरीबन 1 लाख 55 हजार निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और महिला स्वसहायता समूह की पदाधिकारियों ने राजधानी का भ्रमण किया.
  • योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतों और नगर पंचायतों के लगभग 1 लाख 38 हजार, सहकारी समितियों के 7 हजार और महिला स्वसहायता समूहों के 10 हजार से अधिक पदाधिकारी अध्ययन प्रवास पर रायपुर पहुंचे. इनमें प्रदेश के सभी 27 जिलों और 144 विकासखंडों के प्रतिनिधि शामिल हैं.
  • 2 अक्टूबर 2016 को सहकारिता के निर्वाचित प्रतिनिधियों और 16 मई 2018 से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत काम कर रही महिला स्व सहायता समूहों की पदाधिकारियों को भी हमर छत्तीसगढ़ योजना से जोड़ा गया.
  • योजना की उपयोगिता को देखते हुए सरकार ने इसकी अवधि तीन माह बढ़ा दी. 30 सितंबर तक संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के प्रतिनिधि अध्ययन भ्रमण पर आएंगे.
  • इस दौरान प्रदेश के 32 वनमंडलों में गठित करीब 7 हजार 900 समितियों के लगभग 16 हजार प्रतिनिधि अध्ययन प्रवास पर आएंगे.
  • नया रायपुर के उपरवारा स्थित होटल प्रबंधन संस्थान को योजना के आवासीय परिसर के रुप में विकसित किया गया. यहां एक साथ करीब 750 प्रतिनिधियों के आवास एवं भोजन की व्यवस्था है.
  • ग्रामसभा, स्वच्छता, विधिक सहायता एवं डिजिटल लेन-देन के बारे में अध्ययन दल को जागरूक किया गया.
  • आगे आपको दिखाएंगे यह योजना कैसे पंचायत प्रतनिधियों के साथ-साथ नेता- मंत्री और अधिकारियों के लिए भी खास बना. साथ यह भी आपको बताएंगे कि बीते 2 सालों में इस योजना को देखने के देश भर से कौन-कौन हस्ती अब तक छत्तीसगढ़ आ चुके हैं.

हमर छत्तीसगढ़ योजना की सबसे बड़ी सफलता ये है कि इसका अवलोकन करने अब तक राष्ट्रपति और बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रहते रामनाथ कोविंद, झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष सहित राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तरप्रदेश और हरियाणा के मंत्री शामिल हैं. वहीं 01 नवम्बर को राज्योत्सव 2016 का शुभारंभ करने आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उस दौरान अध्ययन भ्रमण पर आए पंचायत प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. उन्होंने योजना को काफी सराहा भी था. बाद में भारत सरकार के पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय सहित अनेक मंत्रालयों के अधिकारी भी योजना को जानने-समझने आवासीय परिसर पहुंच चुके हैं. इसके साथ ही केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत भी हमर छत्तीसगढ़ योजना को देखने पहुँच चुके हैं.

हमर छत्तीसगढ़ योजना को अब तक ये बड़ी हस्तियां देखने छत्तीसगढ़ आ चुकी हैं –

  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
  • केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत
  • झारखंड विधानसभा अध्यक्ष, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा सरकार के कई मंत्री
  • भारत सरकार में पदस्त दर्जनों अधिकारी
  • भारतीय पुलिस सेवा के कई राज्यों के प्रशिक्षु अधिकारी
  • राज्य सेवा के प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अधिकारी

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से चयनित वर्ष 2014 बैच के 33 अधिकारियों ने भी हमर छत्तीसगढ़ योजना के आवासीय परिसर का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने अध्ययन भ्रमण पर रायपुर आने वाले जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के आवास, भोजन, पंजीयन, प्रशिक्षण एवं प्रदेश के विकास के साथ ही कला और संस्कृति से रुबरू कराया जा चुका है. वहीं इस योजना में बीते साल मुख्यमंत्री ने एक और कड़ी जोड़ी इसके तहत सहाकारिता क्षेत्र में काम करने वाले जन-प्रतिनिधियों को भी अब नया रायपुर का भ्रमण कराया जा रहा है.

हमर छत्तीसगढ़ योजना में आने वाले प्रतिनिधि अपने साथ एक पौधा लेकर आते हैं और उसे नया रायपुर में लगाते हैं. इसके पीछे मकसद सरकार की ओर से पर्यावरण के प्रति जागरूक करना तो है साथ ही नया रायपुर में पूरे प्रदेश की खुशबू और हरियाली फैले यह भी कोशिश है. हमर छत्तीसगढ़ योजना वास्तव में राज्य सरकार एक सफल प्रयास है.

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