एक आविष्कार इंसानी जीवन को एक बार में ही कई साल आगे ले जाता है. पिछले तीस सालों में सबसे बड़ा आविष्कार है इंसानी ज़िंदगी को जोड़ने वाली क्रांति. सूचना क्रांति. जो आईटी के रास्ते आई और सबके मोबाइल में समा गई. इसने ज़िंदगी की रफ्तार को तेज़, बहुत तेज़ बना दिया. फासले मोबाइल के एक टच और कंप्यूटर के एक क्लिक तक सिमट गए. एक वक्त था जब सूचना सिर्फ पहुंचने में ही कई दिन लग जाते थे. लेकिन आज सैकड़ों सूचनाएं लाखों किलोमीटर दूर एक सेकेंड में पहुंच जाती है. ये सब संभव सूचना प्रौद्योगिकी से हुआ है.

साइंस के विद्यार्थी रहे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ये बात खूब समझते हैं. वे इस बात को भी समझते हैं कि राज्य की बड़ी आबादी को इससे जोड़ा नहीं गया तो वो सालों पीछे रह जाएगी. इसलिए डॉक्टर रमन सिंह बार-बार कनेक्टिविटी की बातें करते हैं. वे सिर्फ बात नहीं करते. बल्कि पिछले कुछ सालों से उनका सबसे ज़्यादा फोकस इसी काम पर है. कनेक्टिविटी को कैसे बेहतर किया जाए? स्काई योजना, ऑप्टिकल फाइबर को हर क्षेत्र तक पहुंचाना इसी सोच का नतीजा है.

सूचना क्रांति की बदौलत देश प्रगति के नए आयामों की ओर बढ़ रहा है. देश के साथ आज छत्तीसगढ़ भी इस क्षेत्र में कदम के साथ कदम मिला कर आगे बढ़ रहा है. सूबे की रमन सरकार ने प्रदेश को उन विकसित राज्यों की श्रेणी में आगे लाने का वादा किया था उसी वादे को निभाते हुए आज प्रदेश में नई सूचना क्रांति का आगाज हुआ है. प्रदेश को डिजीटल युग में लाने और हर कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए सूबे के मुखिया की इसी सोच के मद्देनजर छत्तीसगढ़ आज सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्य में शुमार हो गया है.

प्रदेश की प्रत्येक पंचायत को इन्टरनेट से जोड़ने का कार्य तेजी से जारी है. जन्म प्रमाण पत्र से लेकर ड्रायविंग लायसेंस बनवाना, राशन कार्ड सहित सभी नागरिक सुविधाओं को सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए ही सरकार ने ऑन लाइन कर दिया है. इससे न सिर्फ सरकार के हर विभाग के कार्यों में पारदर्शिता आई है बल्कि जनता को विभागों के चक्कर काटने से भी मुक्ति मिली है. डिजिटल छत्तीसगढ़ बनाने का रमन सिंह का सपना साकार हो रहा है. रमन सरकार ने जैसा कहा, वैसा किया. 

प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी का सरकारी काम-काज में दूरदर्शितापूर्ण और कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा  है. सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग ने सरकारी काम-काज की गति बढ़ा दी है. इससे योजनाओं की निगरानी करने में भी आसानी हुई है. सूचना प्रौद्योगिकी का कुशलता से उपयोग करके अनेक नागरिक सेवाएं निर्धारित समय सीमा में जनता को ऑनलाइन दी जा रही है.  इससे लोगों के समय, श्रम और पैसे, सबकी बचत हो रही है. इससे जनता को काफी सहूलियत भी हो गई है.

छत्तीसगढ़ के शहरों के साथ ग्रामीण अंचलों में भी लोग सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं. अब आईटी और मोबाईल कनेक्टिीविटी की खूबियों की परख छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र के सर्वाधिक पिछड़े समझे जाने वाले और विकास से लंबे समय तक अछूते रहे इस अंचल के निवासियों को भी हो रही है. घनघोर जंगलों और पहाड़ियों के बीच बसे इन लोगों की मांगों का स्वरुप भी अब बदल रहा है, स्कूल, अस्पताल, सड़क के साथ अब यहां के लोग बेहतर दूर संचार और मोबाईल कनेक्टिविटी की मांग करने लगे हैं.

सरगुजा संभाग के आदिवासी बहुल बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की सभी 340 ग्राम पंचायत फॉईबर आप्टिकल नेटवर्क से जुड़ चुके हैं. सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को केंद्रीय सरकार और एजेंसियों ने भी सराहा है. जिसकी वजह से राज्य को अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.  ई-गवर्नेंस के उत्कृष्ट कार्यों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को वर्ष 2012 में कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया-निहलेंट द्वारा ई-रत्न पुरस्कार भी प्रदान किया गया है.

एक नजर छत्तीसगढ़ में सूचना तकनीक की  प्रगति पर-

इन्टरनेट कनेक्टिविटी से मिली मजबूती – मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में निरंतर मजबूत होती आईटी अधोसंरचना से जनता को अनेकोनेक सेवाएं सुगमता से मिलने लगी हैं. इलेक्ट्रॉनिक रुप से नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लिए नियम बनाने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है. डिजिटल छत्तीसगढ़ परियोजना के अंतर्गत सीजी स्वान 2.0 परियोजना में सभी 27 जिलों के 3300 कार्यालयों को इंटरनेट से जोड़ा गया है.

ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना में जहां नागरिक सेवाएं डिजिटल माध्यम से दी जा रही हैं. वहीं जन शिकायतों का निराकरण, वेबसाईट, ई-जनदर्शन, ग्राम सुराज की वेबसाईट के माध्यम से किया जा रहा है.

ग्रामीण अंचलों तक ई-क्लास रुम और डिजिटल लाईब्रेरी की सुविधा दी जा रही है. आने वाले समय में राजनांदगांव, सरगुजा और बस्तर जिले में नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए निःशुल्क क्षमता विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है. नया रायपुर में मंत्रालय और सभी जिला कलेक्टोरेट कार्यालयों के मध्य स्थापित वीडियो कान्फ्रेंसिंग सुविधा से समय-समय पर कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाती है. जनसमस्याओं के निराकरण में भी इस सुविधा का उपयोग किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री डैशबोर्ड परियोजना के माध्यम से मुख्यमंत्री राज्य की महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा समय-समय पर करते हैं.

ई-जनदर्शन की हुई शुरुआत – मुख्यमंत्री ने नये वर्ष में प्रदेश के दूरस्थ अंचल के ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राजधानी रायपुर स्थित सीएम हाउस में ई-जनदर्शन की शुरुआत की है. ई-जनदर्शन की शुरुआत होने से दूरस्थ अंचलों में रहने वाले आदिवासियों को राजधानी के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल गई है. उनकी सभी समस्याओं का निराकर वहीं होने लगा है. मुख्यमंत्री ने तीन जनवरी को ई-जनदर्शन में जशपुर जिले के विकासखण्ड मुख्यालय में उपस्थित ग्रामीणों की समस्याएं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनी और उनके निराकरण के निर्देश अधिकारियों को दिए. दूसरा ई-जनदर्शन 11 जनवरी को किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में ई-जनदर्शन के तहत राज्य के बस्तर संभाग के चार विकासखंडों- सुकमा, भोपालपट्नम, बीजापुर (दोनों जिला-बीजापुर) और कुआकोंडा (जिला दंतेवाड़ा)  के जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनकी समस्याएं सुनीं और कई समस्याओं का त्वरित निराकरण किया.

पीएम ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए की बात- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अलग-अलग विषयों पर जनता से विडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बात करने के कार्यक्रम में उन्होंने पिछले दिनों सूबे की कई महिलाओं और व्यक्तियों से बात की. जिसमें उन्होंने सरकार की योजनाओं उन तक पहुंच पा रही है या नहीं इसकी जानकारी ली. यह सब रमन सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी की वजह से ही संभव हो सका है. जहां आम आदमी प्रधानमंत्री से सीधे संवाद कर सका.

गोलियों की गूंज नहीं मोबाइल की घंटी सुनाई देगी- छत्तीसगढ़ में डिजिटल कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए लगभग 3400 करोड़ रुपए की लागत की तीन परियोजनाओं बस्तर नेट, भारत नेट और संचार क्रांति योजना (स्काई) पर तेजी से काम चल रहा है. जहां संचार क्रांति योजना पर कार्य तेजी से चल रहा है. जिसके तहत धुर नक्सल क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं. पहले माओवाद प्रभावित इन इलाकों में गोलियों की आवाज से लोगों की दहशत से नींदें टूटती थी अब यहां मोबाइल की घंटियां बजने से लोगों के होठों में मुस्कान आएगी.

ये सारी योजनाएं और पहल ये बताता है कि छत्तीसगढ़ वास्तव में डिजिटल युग में प्रवेश कर चुका है. रमन सरकार की नीति और मोदी सरकार की डिजिटल सोच की बदौलत आज प्रदेश की चार हजार ग्राम पंचायतें इंटरनेट से जुड़ गई है, जबकि 6 हजार ग्राम पंचायत आप्टिकल फाइबर से जुड़ चुकी हैं.

भारत नेट परियोजना के दूसरे चरण के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के बीच परस्पर समझौते के ज्ञापन (एमओयू) पर पिछले वर्ष 30 दिसंबर को रायपुर में हस्ताक्षर किए गए. दूसरे चरण में भारत नेट परियोजना में छत्तीसगढ़ के 85 विकासखण्डों की पांच हजार 987 ग्राम पंचायतों को लगभग 1624 करोड़ रुपए की लागत से ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. वर्तमान में लगभग चार हजार ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल नेटवर्क से जोड़ने का काम चल रहा है.

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 1830 करोड़ रूपए की लागत से 1028 मोबाइल टॉवरों की स्थापना की स्वीकृति भी केन्द्र द्वारा प्रदान की गई है.

छत्तीसगढ़ के 10 हजार में से 4 हजार ग्राम पंचायते अभी तक डिजिटल हो गई है. डिजिटल पंचायतों का लाभ आज लाखों ग्रामीणों को मिल रहा है. गांव वालों को अब छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी शहर नहीं जाना पड़ता. सबसे अच्छी बात ये है कि छत्तीसगढ़ के कई गांव अब कैशलेस होने की दिशा में है. मतलब डिजिटल तरीके से भुगतान गांवों में हो रहा है. छत्तीसगढ़ में बलरामपुर जिला ऐसा रहा जो सबसे पहले पूरी तरह डिजिटल हो गया है. बलरामपुर जिले का गांव आरागाही पूरी तरह से डिजिटल पंचायत है. इस गांव में सभी तरह के कार्य ऑनलाइन होते हैं. गांव के सभी सर्विस को डिजिटल कर दिया गया है.

विभिन्न पंचायतों में प्रदान की जा रही ऑनलाइन सुविधाएं-

अनेकों सेवाएं हुई ऑन लाइन

आईटी के माध्यम से नागरिकों को बेहतर और सुविधाजनक ढंग से विभिन्न नागरिक सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मनरेगा की मजदूरी का भुगतान, विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में हितग्राहियों के खाते में सीधे राशि का हस्तांतरण किया जा रहा है. राज्य के सभी 27 जिलों तथा 148 तहसीलों में ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के अंतर्गत लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है.

7 हजार से अधिक सामान्य सेवा केन्द्रों और चॉइस केन्द्रों के माध्यम से 37 विभिन्न नागरिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. नागरिक सेवाओं के लिए सामान्य सेवा केन्द्रों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर प्राप्त हो रहे हैं.

लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से अब तक 27 लाख से अधिक नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं. हर माह औसतन एक लाख तीस हजार नागरिकों को इन सेवाओं का लाभ मिल रहा है. सामान्य सेवा केन्द्रों से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र बनाये जा रहे हैं. शिक्षा, राजस्व, स्वास्थ्य, टेली-मेडिसिन, रंगीन मतदाता परिचय पत्र, आधार पंजीयन, बीमा तथा बैंक संबंधी सेवाएं, बिजली बिल भुगतान, मोबाईल तथा डीटीएच रिचार्ज जैसी अनेक सुविधाएं भी इन केन्द्रों से दी जा रही हैं. सामान्य सेवा केन्द्रों में लगभग 65 लाख से अधिक लोगों का आधार कार्ड पंजीयन किया जा चुका है. तेरह लाख से अधिक नागरिकों के रंगीन मतदाता परिचय पत्र बनाए गए हैं. इन केन्द्रों में बिजली बिल भुगतान से संबंधित 18 लाख से अधिक ट्रांजेक्शन किए जा चुके हैं और राज्य में साढ़े आठ लाख से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं. सामान्य सेवा केन्द्रों में नागरिक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सेवाओं के पचास लाख से अधिक ट्रांजेक्शन किए जा चुके हैं. धान के कटोरे छत्तीसगढ़ में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और माइंस के ई-आक्शन का छत्तीसगढ़ का मॉडल यदि सर्वश्रेष्ठ है, तो इन व्यवस्थाओं में सूचना प्रौद्योगिकी के दूरदर्शितापूर्ण उपयोग का सबसे बड़ा योगदान है. इसके साथ-साथ वाई-फाई सुविधाओं का भी विस्तार हो रहा.

वाई-फाई सुविधा का विस्तार- प्रदेश को हाईटेक बनाने के लिए सरकार द्वारा वाई-फाई सिटी परियोजना की शुरुआत की गई है. जिसके अंतर्गत राजधानी रायपुर के बारह स्थानों सहित दुर्ग, बिलासपुर, अम्बिकापुर और जगदलपुर में कुल 18 स्थानों में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है, प्रतिदिन लगभग तीस लाख लोग इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. राज्य के पचास शासकीय महाविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा प्रदान की जा रही है.

रोजमर्रा के जीवन में इंटरनेट बैंकिंग और ई-रेल टिकट के लिए लोगों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में नागरिकों को आन लाइन सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्टेट पोर्टल एवं स्टेट सर्विस डिलीवरी गेटवे विकसित किया जा रहा है

20,007 गांवों के नक्शों के कम्प्यूटरीकरण का कार्य किया गया है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में डिजिटल छत्तीसगढ़ की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. सूचना प्रौद्योगिकी के कुशलता के साथ उपयोग ने आम आदमी के रोजमर्रा के काम-काज को जहां आसान बनाया है. इसकी तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करते हैं.

जिस रफ्तार से रमन सरकार ने छत्तीसगढ़ के भीतर में तमाम सेवाओं को ऑनलाइन करने का काम किया है उससे वह दिन दूर नहीं जब समूचा छत्तीसगढ़ पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगा.

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