बीजापुर। लोगों को जल जनित बीमारियों से दूर रखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया जल जीवन मिशन का काम पांच साल बाद भी अधूरा है. अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से शुद्ध पानी मिलना तो दूर योजना के तहत लोगों के घरों तक पाइप लाइन तक नहीं बिछा है. इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में मिली हार की कांग्रेस करेगी समीक्षा, वीरप्पा मोइली की अगुवाई में कमेटी छह दिनों तक डालेगी डेरा…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को अंतिम व्यक्ति तक शुद्ध पहुंचाने के लिए अहम मुहिम शुरू की थी. जल जीवन मिशन के नाम से शुरू की गई इस योजना का लाभ दूर-दराज इलाके तो दूर जिला मुख्यालय से 5-10 किमी में बसे गांवों के लोगों को नहीं मिल पाया है.

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जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत संतोषपुर में जल जीवन मिशन पिछले तीन साल से बंद है. जल जीवन मिशन के तहत गांव के घरों में केवल नल स्टैंड खड़ा करने के बाद मानो पीएचई के अधिकारी और ठेकेदार भूल गए हैं, अब आलम यह है कि गर्मी में लगभग संतोषपुर के 105 घर के ग्रामीण दो हैंडपंप के सहारे हैं.

ग्रामीणों ने मीडिया से बताई अपनी आप-बीती

ग्राम पंचायत संतोषपुर के ग्रामीणों ने बताया कि नल जल योजना के तहत गांव में पाइप लाइन बिछाने के बाद घरों में नल स्टैंड भी बना दिया, लेकिन पानी के स्टोर के लिए न टंकी का निर्माण कराया गया और न दूसरी कोई व्यवस्था की गई. ऐसे में घरों में लगे नल सिर्फ दिखावे के लिए ठेकेदार ने बनाए हैं. गांव में यह नल स्टैंड पिछले तीन सालों में ठेकेदार खड़ा किया गया है, लेकिन इसमें एक भी बूंद पानी नहीं आता है.

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ग्रामीण बताते हैं कि उनकी समस्या को देखने-पूछने न ठेकेदार आया और न ही विभाग के लोग. हम पहले की ही तरह पास के तालाब में नहाने और जो बोरिंग से पीने के लिए पानी ला लेते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि हमने इसकी शिकायत स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि से की थी, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.

सवालों पर अधिकारी का गोल-मोल जवाब

पीएचई के ईई एसआर नेताम ने कहा कि संतोषपुर में सोलर पैनल स्थापित नहीं किया गया है, जिसके चलते वॉटर सप्लाई बंद है. पाइप लाइन जितना सेक्शन था, उतना ही बिछाया गया है. आगे जो भी कमी है, हम उसका आंकलन करेंगे.