जालंधर : जालंधर के सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने के कारण तीन मरीजों की मृत्यु हो गई। मृतकों में अर्चना (15), अवतार लाल (32) और राजू (30) शामिल हैं। अर्चना को 17 जुलाई को सांप के काटने, अवतार लाल को 27 जुलाई को नशे की ओवरडोज और राजू को 24 जुलाई को टीबी के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। इस घटना में दो अन्य मरीजों की हालत भी गंभीर हो गई थी, लेकिन उन्हें बचा लिया गया।

सेंसर फेल होने से नहीं मिली चेतावनी

तकनीकी जांच में सामने आया कि ऑक्सीजन प्लांट बंद होने से प्रेशर कम हो गया, लेकिन मरीजों के बिस्तरों पर लगे सेंसरों ने कोई अलार्म नहीं दिया। सेंसर के फेल होने के कारण ऑक्सीजन के स्तर में कमी की जानकारी समय पर नहीं मिली, जिससे यह हादसा हुआ। स्वास्थ्य निदेशक अनिल अग्रवाल और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलवीर सिंह ने सेंसर फेल होने की पुष्टि की है। अग्रवाल ने बताया कि 16 ऑक्सीजन सिलेंडर भरे हुए थे, फिर भी यह त्रासदी हुई। उन्होंने इसे जांच का विषय बताया।

नौ सदस्यीय कमेटी भंग, नई जांच शुरू

मृत्यु के बाद सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राजकुमार ने नौ सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी, लेकिन सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री ने इसे भंग कर दिया। जांच अब स्वास्थ्य निदेशक, इंजीनियरिंग विंग के कार्यकारी अभियंता और विशेषज्ञों की टीम को सौंपी गई है, जिन्हें 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।


मंत्रियों ने पीड़ित परिवारों से की मुलाकात

सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलवीर सिंह और मंत्री महेंद्र भगत ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।

25-30 मिनट तक बाधित रही ऑक्सीजन सप्लाई

स्वास्थ्य निदेशक अनिल अग्रवाल ने बताया कि आईसीयू में 25-30 मिनट तक ऑक्सीजन सप्लाई ठप रही। ट्रॉमा सेंटर में भर्ती सभी मरीज गंभीर हालत में थे। इस दौरान तीन मरीजों की मृत्यु हो गई, जबकि दो अन्य को बचा लिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि घटना के समय नियमित ऑपरेटर नरिंदर छुट्टी पर था और उसकी जगह नियुक्त नए कर्मचारी दीपक की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

चंडीगढ़ की टीम ने शुरू की जांच

चंडीगढ़ से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मृतकों के परिजनों, ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ के बयान दर्ज किए हैं। ट्रॉमा सेंटर के ऑक्सीजन प्लांट की भौतिक और कार्यात्मक जांच शुरू हो गई है। आईसीयू के सभी उपकरणों की जांच भी की जा रही है। निदेशक ने स्पष्ट किया कि सप्लाई पूरी तरह बंद नहीं हुई थी, लेकिन बैकअप सिस्टम (मैनिफोल्ड) की कार्यक्षमता पर सवाल उठे हैं। यह जांच की जा रही है कि बैकअप समय पर क्यों सक्रिय नहीं हुआ।