जालंधर. जी.एस.टी. की बढ़ाई गई दरों से प्रभावित जालंधर की खेल इंडस्ट्री को जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है क्योंकि जालंधर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद सुशील रिंकू ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को खेल उत्पादों पर जी.एस.टी. दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने के लिए संबंधित उत्पादों के एच.एस.एन. कोड समेत विस्तृत ब्यौरा सौंपा है।

उन्होंने कहा कि पहले इन उत्पादों पर जी.एस.टी. दर 5 प्रतिशत हुआ करती थी लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने इसे बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया, जिससे देश भर में मशहूर जालंधर की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि खेल उद्योग को बचाने के लिए जी.एस.टी. दर को न्यायसंगत बनाना समय की मांग है, इसलिए उन्होंने संबंधित उत्पादों की सूची केंद्रीय वित्त मंत्री को सौंपी है।

उल्लेखनीय है कि सांसद सुशील रिंकू ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सितंबर महीने में मुलाकात की थी, जिसमें जालंधर की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री की समस्या उनके सामने रखी थी और खेल उद्योग पर जी.एस.टी. दर कम करने के लिए कहा था। अब सुशील रिंकू ने वित्त मंत्री को लगभग डेढ़ दर्जन उत्पादों के एच.एस.एन. कोड सौंपे हैं, जिस पर जी.एस.टी. दर 18 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत करने का निवेदन किया गया है। इनमें आम लोगों की तरफ से प्रयोग किए जाने वाले लगभग सभी तरह के खेल उत्पाद शामिल हैं, चाहे वह स्पोर्ट्सवेयर, ट्रेवलिंग बैग्स या फिर खेल से संबंधित आइटम्स हों।

सांसद सुशील रिंकू ने कहा कि ज्यादातर खेल उत्पादों का इस्तेमाल स्कूलों में बच्चों व गरीब वर्ग के द्वारा किया जाता है और जी.एस.टी. की दर बढ़ने से ये सभी वर्ग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि वहीं स्पोर्ट्स का ज्यादातर सामान स्कूलों में बच्चों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। रिंकू ने कहा कि इन उत्पादों पर जी.एस.टी. बढ़ाना गलत है क्योंकि इससे जहां इंडस्ट्री प्रभावित होगी, वहीं गरीब वर्ग से संबंधित लोग भी परेशान होंगे। उन्होंने कहा कि एक तरफ हमारी इंडस्ट्री चीन से आने वाले सस्ते सामान की वजह से पहले ही परेशान है लेकिन अब सरकार द्वारा जी.एस.टी. की दर बढ़ाने से यह चुनौती और बढ़ जाएगी। हमारी इंडस्ट्री कैसे चीनी इंडस्ट्री का मुकाबला करेगी, इसलिए जहां जी.एस.टी. की दर कम करना इंडस्ट्री के लिए जरूरी है, वहीं आम लोगों को भी इसका फायदा होगा। सांसद ने उम्मीद जताई है कि इस दिशा में जल्द ही सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे।