Jalaram Bapa Jayanti: Jalaram Bapa की Jayanti हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाई जाती है. जिसके अनुसार उनका जन्म कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी को हुआ था. लोहाणा समाज के कुलदेव और गुजराती समाज के आराध्य संत शिरोमणि जलाराम बापा की 225वीं जयंती 8 नवंबर को मनाई जाएगी. दिलचस्प बात यह है कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार उनका जन्म 4 नवंबर 1799 को गुजरात के वीरपुर (सौराष्ट्र) में हुआ था. 18 वर्ष की आयु में बापा ने सांसारिक गतिविधियों को त्याग दिया और फ़तेहपुर के भोज भगत के शिष्य बन गए. उनकी शिक्षाओं और चमत्कारों ने देश के कोने-कोने में अमिट छाप छोड़ी है. भारत और अन्य जगहों पर भक्त और अनुयायी इस शुभ दिन को मनाने और आध्यात्मिक ज्योतिष को श्रद्धांजलि देने के लिए तैयारी कर रहे हैं.
जलाराम बापा का जीवन निःस्वार्थ सेवा और भक्ति से भरा था. उन्होंने सदाव्रत फूड सेंटर की शुरुआत की, जो साधु-संतों और जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराता था. चमत्कारी पहलू यह था कि उनके पास अनाज का कभी न ख़त्म होने वाला भंडार था. जलाराम बापा का उपदेश धार्मिक सीमाओं से परे था. उनके शिष्यों में न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम भी शामिल थे, जो अटूट श्रद्धा के साथ उनका अनुसरण करते थे. वीरपुर में स्वामीनारायण संप्रदाय के एक प्रमुख संत जलाराम, बापा से बहुत प्रभावित हुए और उन्हें एक प्रमुख मंदिर का आशीर्वाद दिया. यह स्थान आध्यात्मिक शांति चाहने वाले तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता रहता है. सदा व्रत की परंपरा, जलाराम बापा द्वारा शुरू की गई एक सामूहिक भोजन पहल, दुनिया भर में उनके भक्त अनुयायियों द्वारा पालन की जाती है. संत की जयंती सौराष्ट्र में बड़े पैमाने पर मनाई जाती है और लगभग 3 लाख लोग वीरपुर के जलाराम मंदिर में आते हैं.
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