लखनऊ. उत्तर प्रदेश में गड़बड़ी और लूट के लिये जलजीवन मिशन पहचान बना चुका है. इसके अंतर्गत गावों में लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए प्राईवेट कम्पनी की ओर से सीतापुर के एक गांव में 5.31 करोड़ की लागत से एक साल पहले निर्माण कराया गया था. लेकिन बीते दिन पानी की टंकी एकाएक ढह गई. गनीमत रही कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई. ग्राम चुनका में जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत बनी पानी की टंकी पिछले साल जनवरी 2024 से क्रियाशील थी और आठ गांव की आबादी में फिलहाल 700 कनेक्शन को पानी मिल रहा था. लेकिन अचानक पानी की टंकी भरभरा कर गिर गई, हादसे के समय हुआ जब टंकी में पानी भरा जा रहा था.

ग्रामीणों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम लोगों ने पहले ही मानक विहीन टंकी बनने की शिकायत की थी. लेकिन किसी ने नहीं सुनी. जिसके चलते हादसा हो गया. विधायक आशा मौर्या ने क्षेत्र में बनने वाली तमाम पानी की टंकियों को लेकर उनके मानकविहीन होने की शिकायत की गई थी. जिस पर जल निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की और आज टंकी गिर गई. उन्होंने मामले में भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल निलंबित करके उच्चस्तरीय जांच की मांग की साथ ही मानक विहीन कार्य करने वाले ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड करते हुए मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की. विधायक आशा मौर्य ने कहा कि इसकी भरपाई भी ठेकेदार से की जाए.

इसे भी पढ़ें : भाजपा सरकार में अब तक… IRS गौरव गर्ग से मारपीट मामले में बरसे अखिलेश, कहा- इसके सूत्र किस-किस से जुड़े हैं इसकी जांच हो

भाजपाई भ्रष्टाचार का मासिक ब्यौरा

इधर इस मामले को लेकर अखिलेश यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने लिखा है कि ‘ये है भाजपाई भ्रष्टाचार का मासिक ब्यौरा. भाजपा की बेईमानी के बोझ तले ‘अप्रैल’ में लखीमपुर में टंकी फटी, अब ‘मई’ में सीतापुर में टंकी फटी. लगता है जून में कहीं और भाजपा की तथाकथित ईमानदारी का डंका फटेगा. ये तो शुक्र है कि जो लोग जल जीवन मिशन की जांच करने निकले हैं, वो भरभरा के जमींदोज हो गई इस टंकी के आसपास नहीं थे. भाजपा ने तो जल से छल करके भ्रष्टाचार की हर हद को पार कर दिया है.’

जिम्मेदारों पर गिरी निलंबन की गाज

इस मामले में एई, जेई को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही निर्माण एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. वहीं तीन सदस्यीय कमेटी इस पूरे मामले की जांच करेगी. जिसकी रिपोर्ट तीन दिन में सौंपनी होगी. मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई है. अभी तक इस प्रकरण में एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों पर कार्रवाई हो चुकी है.