नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बुधवार को विधानसभा भंग किए जाने के साथ ही प्रदेश में सियासी माहौल गरमा गया है. मामले में जहां राज्यपाल ने राज्य की जनता में फैसला लिए जाने की बात कही है, वहीं दूसरी ओर नेशनल कांफ्रेंस की ओर से उमर अब्दुला ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर राज्यपाल के साथ-साथ भाजपा के प्रदेश प्रभारी राम माधव को आड़े हाथ लिया है.

पीडीपी की जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की कोशिशों को बुधवार को बड़ा झटका देते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा ही भंग कर दी. राज्यपाल ने बुधवार को पीडीपी की ओर से फैक्स भेजे जाने के बाद विधानसभा भंग किए जाने पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि फैक्स कोई मुद्दा नहीं था. वैसे भी ईद की वजह से कर्मचारी छुट्टी पर गए थे. यदि मैंने भी फैक्स रिसीव किया होता तो मुद्दे पर मेरे मत में कोई अंतर नहीं आने वाला था.

जाएं कोर्ट के पास मैं कहता हूं

पीडीपी के मामले में कोर्ट में जाने के सवाल पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि वे कोर्ट में क्यों जाना जाहती हैं. वे तो इसकी मांग (विधानसभा भंग करने की) पांच महीनों से करती आ रही हैं. कोर्ट जाना उनका अधिकार है, मैं चाहता हूं वे कोर्ट जाएं. वहीं उन्होंने कहा कि क्या सोशल मीडिया के जरिए सरकारें बनती हैं. मैं न ट्वीट करता हूं, न देखता हूं. मैंने बुधवार के दिन इसलिए विधानसभा को भंग किया क्योंकि यह ईद का पवित्र दिन था. चुनाव की तारीख के बारे में चुनाव आयोग तय करेगा.

फैक्स की वजह से लोकतंत्र की हुई हत्या

इधर नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुला ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि फैक्स काम नहीं किया, जिसकी वजह से लोकतंत्र की हत्या हुई है. यह विशेष किस्म की फैक्स मशीन है, जिसमें केवल आउटगोइंग है, इनकमिंग की सुविधा नहीं. इस मशीन की जांच करनी चाहिए.

राम माधव साबित करें पाकिस्तान कनेक्शन

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता राम  माधव के गठबंधन के लिए पाकिस्तान से निर्देश मिलने की बात पर अफसोस जताते हुए कहा कि राम माधव और उनके सहयोगियों को इस तथ्य को साबित करना चाहिए. आप मेरे साथियों की कुर्बानी की बेइज्जती कर रहे हो, जिन्होंने पाकिस्तान के निर्देशों को पालन करने से मना कर दिया और मौत के शिकार हो गए.