Janmashtami 2025: आज पूरे देश में जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मध्यरात्रि को होता है और मंदिरों तथा घरों में बाल गोपाल की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस अवसर पर भगवान को झूला झुलाने से हर मनोकामना पूर्ण होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

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Janmashtami 2025

Janmashtami 2025

भक्त बाल स्वरूप कान्हा को झूले पर बैठाकर उनका श्रृंगार करते हैं और रत्नजड़ित, फूलों से सजे झूले में धीरे-धीरे झुलाते हैं. यह परंपरा उनके जन्म के उत्सव को दर्शाती है. शास्त्रों में कहा गया है कि जब भक्त पूरे मन और श्रद्धा से कृष्ण को झुलाते हैं तो उनका हृदय हल्का होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

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मंदिरों में इस दिन विशेष झूला सजाया जाता है, जिसमें भक्त लाइन लगाकर भगवान को झुलाते हैं. वहीं घरों में भी लोग छोटे-छोटे झूले तैयार करते हैं और अपने घर के बाल गोपाल को उसमें विराजमान कर झुलाते हैं. माना जाता है कि मंदिर में झूला झुलाने का फल घर में झुलाने जितना ही शुभ माना जाता है. मुख्य बात भक्ति और भावनाओं की है, न कि स्थान की.

धार्मिक मान्यता है कि जो भक्त पूरे समर्पण से कृष्ण को झूला झुलाते हैं, उनके जीवन से दुख-दर्द दूर होते हैं और घर में शांति और समृद्धि का वास होता है. जन्माष्टमी का यह अनूठा अनुष्ठान भक्त और भगवान के बीच प्रेम का प्रतीक है, जो हर मनोकामना पूर्ण करने वाला माना गया है.

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