विप्लव गुप्ता, पेण्ड्रा। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला में मूलभूत सुविधाओं को लेकर राज्य सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने जिले में स्वास्थ्य, सड़क, वन, खनिज के अवैध दोहन, बेजा दखलंदाजी व विभागों की लचर व्यवस्था को लेकर अगस्त महीने में प्रदर्शन करने के साथ आगामी विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल में सवाल उठाने की बात कही है.

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कोटा विधायक डॉ. रेणु जोगी के साथ अमित जोगी ने शुक्रवार को गौरेला स्थित अपने जोगी निवास में पत्रकार वार्ता लेकर भूपेश सरकार को घेरा. उन्होंने प्रदेश सरकार पर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला की उपेक्षा व छलावा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में अगर सबसे ज्यादा लचर स्वास्थ्य व्यवस्था देखी गई तो वह नवगठित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में. जिले की 3.36 लाख जनसंख्या के मात्र 82 ऑक्सीजन बेड्स उपलब्ध हैं ,जो चिंताजनक है. जिले में 150 ऑक्सीजन सिलेंडर होना चाहिए, जबकि मात्र 50 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं. 42 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पदों के विरुद्ध केवल 6 स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं.

अंचल में नुकसान पहुंचा रहे हाथी

इसके अलावा उन्होंने हाथियों की चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर मरवाही के कटरा उसाढ़ और बेझरिया गांव में बसे आदिवासियों के घरों और खेतों पर सप्ताह भर से हाथियों के झुंड ने भारी नुकसान पहुंचाया है. मैने स्वयं वहां का दौरा कर देखा. लेकिन कल तक वहां न तो कोई जनप्रतिनिधि और ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी गया था. मैने वहां 14 परिवारों को राहत राशि देने की घोषणा की है. इसके साथ ही उन्होंने वन विभाग से प्रभावित परिवारों को राहत राशि देने की मांग की है.

आदिवासियों की नियुक्ति की मांग

अमित जोगी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत में पहली बार हो रहा है कि अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासी बहुल जिला के हर विभाग में सामान्य वर्ग के लोगों की ही नियुक्ति की गई है. हमने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप पेशा कानून के अंतर्गत प्राप्त विशेष शक्तियां का उपयोग करते हुए कम से कम 50 प्रतिशत पदों पर आदिवासी वर्ग के अधिकारियों की नियुक्ति करें. उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नया जिला है, बजट आ रहा है. यहां के पदों की सरकार नीलामी कर रही है.

घोषणाओं की समीक्षा के लिए गठित की समिति

मरवाही उपचुनाव के दौरान सरकार द्वारा साढ़े चार सौ करोड़ की भारी भरकम घोषणाओं की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है. समिति अगले 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. वहीं 5 और उप समितियों की गठन की घोषणा की है, जो इस बात का रिपोर्ट देगी कि सेमरदर्री, नाका और बेलप्त गांव में जमीन खरीदी-बिक्री की रिपोर्ट देगी. इन गांवों में डोलोमाइट मिला है. उन्होंने इलाके में अभी तक इलाके में हुई रजिस्ट्री को निरस्त करते हुए उसे माइनिंग ब्लॉक घोषित करने के साथ विधिवत नियमानुसार डोलोमाइट माइंस की नीलामी करने की मांग की है.