चंद्रावल जल शोधन संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) से जुड़े मध्य और उत्तरी दिल्ली में पेयजल आपूर्ति सुधारने के लिए लगभग 2400 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस राशि से डब्ल्यूटीपी की क्षमता बढ़ाने के साथ ही पुरानी पाइप लाइन को बदलने का काम किया जाएगा। नए भूमिगत जलाशय का भी निर्माण होगा। चंद्रावल डब्ल्यूटीपी से 90 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) पेयजल उपलब्ध होता है। इससे पटेल नगर, चांदनी चौक, मटिया महल, बल्लीमरान, माडल टाउन, सदर बाजार, करोलबाग, राजेंद्र नगर, आरके पुरम विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले लगभग 22 लाख उपभोक्ताओं को पेयजल आपूर्ति की जाती है।

पुरानी पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद हो जाता है। इससे क्षेत्र में जल आपूर्ति की समस्या होती है। इन क्षेत्रों में 24 घंटे पानी मिल उपलब्ध कराने के लिए इस संयंत्र की क्षमता 105 एमजीडी की जा रही है। 1000 किलोमीटर पुरानी पाइप लाइन बदलने और 21 नए भूमिगत जलाशय बनाने का प्रस्ताव है।

जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जीआइसीए) की सहायता से बनने वाली इस परियोजना के लिए कैबिनेट ने पिछले दिनों व्यय अनुमोदन और प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। कुल 2406 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अधिकारियों का कहना है कि परियोजना को छह चरणों में विभाजित कर काम किया जाएगा। तीन वर्षों में यह काम पूरा किया जाना है। पानी की बर्बादी रुकने से उपभोक्ताओं को 24 घंटे पेयजल आपूर्ति में मदद मिलेगी।

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