किसानों ने जौनपुर में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में धरना-प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। किसानों का कहना है कि पंजाब सरकार केंद्र के साथ मिलकर किसान आंदोलन का दमन कर रही है।

किसानों ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा चंडीगढ़ में 5 मार्च से शुरू किए गए सात दिवसीय धरने को रोक दिया गया। 19 मार्च को केंद्रीय मंत्रियों से वार्ता के बाद लौट रहे किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। शंभू और खनौरी में धरनास्थलों को बुलडोजर से हटाया गया। किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉली और अन्य उपकरण क्षतिग्रस्त कर दिए गए।

प्रदर्शनकारी किसानों ने 6 प्रमुख मांगें रखी हैं। इनमें पुलिस द्वारा किए जा रहे बल प्रयोग पर रोक लगाने, गिरफ्तार किसानों की बिना शर्त रिहाई और क्षतिग्रस्त सामान की भरपाई शामिल है। साथ ही बिजली निजीकरण विधेयक को निरस्त करने, किसानों को मुफ्त बिजली देने और चारों लेबर कोड को वापस लेने की मांग की गई है।

किसानों का कहना है कि संविधान के अनुसार नागरिकों को अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष करने का लोकतांत्रिक अधिकार है।