आशुतोष तिवारी. जगदलपुर. हाल ही में जवानों ने चार नक्सलियों को मार गिराया था. इससे बौखलाए नक्सली कैंप की सुरक्षा में लगे जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें एक जवान शहीद हो गया. सुकमा में कल शाम डब्बाकोंटा में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में कोबरा 222वीं बटालियन का जवान मोहम्मद सुलेमान शहीद हो गया. शहीद जवान को आज जगदलपुर के पांचवी बटालियन में अंतिम सलामी दी गई. श्रद्धांजलि के बाद जवान के पार्थिव शरीर को चौपर से उसके गृह ग्राम केरल भेजा गया.

दरअसल कल शाम करीब 4ः30 बजे निर्माणाधीन पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने अचानक फायरिंग कर दी. इस दौरान जवान कैंप की सुरक्षा में लगे हुए थे. नक्सलियों ने फायरिंग के साथ बड़ी तादाद में बीजीएल भी दागे. मुठभेड़ में एक जवान घायल हो गया, जिसे मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन कमर में गंभीर चोट लगने की वजह से जवान ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. शहीद जवान कोबरा के 222वीं बटालियन में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ था और केरल राज्य के पालक्कड़ निवासी था.

दरअसल बीते दिनों माओवादियों के पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के प्रवक्ता मोहन ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि 26 नवंबर की सुबह लगभग 7 बजे पोमरा इलाके में पुलिस पहुंची और हमारे कैंप के ऊपर हमला कर दिया. दोनों तरफ से जमकर गोलीबारी हुई. इस मुठभेड़ में 4 साथियों की गोली लगने से मौत हो गई. जिनके शव को पुलिस लेकर चली गई. मोहन ने चारों माओवादियों की शिनाख्त ओयाम मन्नी, अपका मंगली, माड़वी लाल और मड़काम सुकराम के रूप में की है. ये सभी ।ब्ड (एरिया कमेटी मेंबर) थे.

अपने साािथयों की मौत से बौखलाए नक्सली सुकमा में नए कैंप में सुरक्षा दे रहे जवानों पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी. हालांकि मुस्तैदी दिखाते हुए जवानों ने जवाबी कार्रवाई की. तकरीबन 15 से 20 मिनट तक चली इस फायरिंग में जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल का आड़ लेते हुए फरार हो गए. वहीं इस मुठभेड़ में 222वी बटालियन का एक जवान शहीद हो गया.

अपनी साख बचाने कैंप पर हमला कर रहे नक्सली: आईजी
इधर बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में खुल रहे पुलिस कैंप से नक्सलियों का दायरा घटता जा रहा है. बीते कुछ महीनों में नक्सलियों के दखल वाले इलाकों में नक्सली गतिविधियों में भी कमी आई है. हाल ही में सुकमा पुलिस ने घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र डब्बाकोंटा और पिढ़मेल में नए पुलिस कैंप खोलकर एक तरह से नक्सलियों की कमर तोड़ दी है. एक साथ दो कैंप खुलने से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है. यही कारण है कि नक्सली अपनी साख बचाने के लिए कैंप पर हमला कर रहे हैं.