राजनांदगांव। खैरागढ़ से छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के विधायक देवव्रत सिंह ने अमित जोगी से सवाल किया है कि क्या मरवाही का चुनाव अजीत जोगी के जीवन से बड़ा हो सकता है, क्या ऐसे कारण बन रहे हैं कि अमित जोगी भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दे रहे हैं. 34 वर्ष तक के अपनी राजनीतिक जीवन में अजीत जोगी ने जब-जब सीधी लड़ाई कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ाई हुई अजीत जोगी मौन रहे या फिर कांग्रेस की लाइन पर निर्णय लिया.
जनता कांग्रेस छोड़ कांग्रेस में प्रवेश की आ रही खबरों के बीच मीडिया से चर्चा में खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि अमित जोगी को उन्होंने हमेशा छोटे भाई के तौर पर देखा है, लेकिन अमित जोगी ने मीडिया में कहा कि इस्तीफा दे दें, पंजा छाप पर लड़ लें, जमानत जब्त हो जाएगी. मैने कुछ नहीं कहा. कोई बात नहीं मेरा भविष्य खैरागढ़ की जनता ही तय करेगी, और कोई तय नहीं करेगा. लेकिन मैं अमित जोगी से पूछ सकता हूं कि 2016 में आपने पार्टी बनाई तो 2018 तक कांग्रेस के विधायक के रूप में क्यों रहे, छोड़ देते विधानसभा, लड़ लेते मरवाही जाकर.
देवव्रत सिंह ने कहा कि मैं विधायक हूं, और जनता के वोट से जीता हूं. और जनता की भावना का सम्मान कर रहा हूं. मध्यप्रदेश में भी चुनाव हो रहा है, वहां भी जो लोग कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए हैं, उनसे भी जनता यह प्रश्न पूछ रही है कि आपने इस्तीफा क्यों दिया. हमने तो आपको जिताया था. सिम्बाल चाहे कोई भी हो. तो अभी मेरे इस्तीफा देने का कोई प्रश्न नहीं उठता. और तकनीकी रूप से क्यों छोड़ा जाए, यहां के लोगों की भावना का सम्मान किया है, यहां के लिए काम करना है.
अजीत जोगी की पार्टी से जीता हूं यह सही बात है, लेकिन जनता ने मत दिया है, पार्टी से पहले हम मतदाता से जुड़े हैं, जिसने हमको विधायक बनाकर भेजा है. और इस बात को हर जनप्रतिनिधि को सोचना चाहिए.
देवव्रत ने कहा कि यह सही है कि अजीत जोगी की पार्टी के सिम्बाल पर जीता हूं, लेकिन वर्तमान में सरकार में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए कांग्रेस सरकार की जो भी अच्छाइयां है, जो भी अच्छे कार्य हैं उनकी मैं प्रशंसा करता हूं. जहां मुझे आलोचना करनी है, मैं आलोचना करता हूं. मैने कांग्रेस ज्वाइन नहीं किया हूं, लेकिन विचारधारा कांग्रेस में है. जिस समय में अजीत जोगी के साथ जुड़ा था, उस समय भाजपा से भी ऑफर था, लेकिन मैं नहीं गया. कांग्रेस के नीतियों के, कार्यक्रमों के और भूपेश बघेल के अच्छी नीतियों और कार्यक्रमों का समर्थन कर रहा हूं, तो उसमें क्या बुरी बात है. अजीत जोगी ने स्वयं भूपेश सरकार की गोधन योजना, राजीव न्याय योजना का समर्थन किया था.
सरकार के अच्छा काम की प्रशंसा करनी पड़ेगी
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल जब बिलासपुर गए तो अजीत जोगी, रेणु जोगी, अमित जोगी और धर्मजीत सिंह से मिलने गए, और अजीत जोगी ने एक ही बात कही कि भूपेश तुम मुख्यमंत्री बने तो होतो मेरी एक ही इच्छा है कि तुम पेण्ड्रा-मरवाही को जिला बना दो तो भूपेश बघेल ने कहा कि आपकी इच्छा का जरूर सम्मान करुंगा. और भूपेश बघेल ने बना दिया. तो इसको क्या कहेंगे. यदि कोई सरकार अच्छा काम करेगी तो उसकी प्रशंसा करनी पड़ेगी और अगर मुझे लगेगा कि कुछ बातें ठीक नहीं है, तो उसको भी कहूंगा.
जनता कांग्रेस का भविष्य मुश्किल में
खैरागढ़ विधायक ने कहा कि मैने और प्रमोद शर्मा हम इस बात समझते हैं कि जोगी जी के बाद हमको इस पार्टी का भविश्य मुश्किल दिख रहा है. इसलिए आगे हमको जब भी मौका मिलेगा हम कांग्रेस प्रवेश करना चाहते हैं, लेकिन संवैधानिक रूप से जब तक तीन विधायक नहीं होंगे, तब तक नहीं जा सकते हैं, धर्मजीत सिंह वे सार्वजनिक रूप से कह दें कि वे भाजपा में जाना चाहते हैं, हम तीनों चले जाएंगे.
बच्चे के नाम के लिए गांधी को लिखा था पत्र
उन्होंने कहा कि जोगी परिवार का गांधी परिवार से पारिवारिक संबंध है. फिर कैसे अमित जोगी ने कैसे यह निर्णय ले लिया, मुझे समझ नहीं आ रहा है.अभी कुछ दिन पहले अमित जोगी ने अपने परिवार की तरफ से सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बताया था कि परिवार में बेबी हुआ है, हम चाहते हैं आप उसका नाम सुझाएं, इस पर सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर चार लड़कियों के नाम भी सुझाए थे, तब उन्होंने बात को स्पष्ट किया कि लड़की नहीं लड़का है. तो एक तरफ एक तरह की भावना है, और दूसरी तरफ इस तरह की बातें करना मुझे समझ नहीं आता.
जिसे समर्थन देना होगा देंगे हमे किसी की नसीहत की ज़रूरत नही – धरमजीत सिंह
मरवाही उपचुनाव में जेसीसीजे के भाजपा को समर्थन देने की घोषणा के बाद खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए जेसीसीजे विधायक दल के नेता धरमजीत ने कहा कि – स्व अजीत जोगी के अपमान का बदला लेने के लिए हमे जिस दल का समर्थन करना पड़ेगा हम करेंगे इसके लिए हमे किसी की नसीहत की आवश्यकता नही है.
उन्होंने कहा कि देवव्रत सिंह शायद ये भूल गए कि जब कांग्रेस ने उन्हें अपमानित कर विधानसभा चुनावों में टिकट नही दिया था । तब स्व अजीत जोगी जी ने उन्हें अपनी पार्टी से टिकट दिया और वे चुनाव जीतकर आये। अभी कुछ दिनों पहले ही खैरागढ़ विधानसभा के गंडई क्षेत्र में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उनका पुतला जलाया था। इतने अपमान के बाद भी यदि देवव्रत सिंह का कांग्रेस प्रेम बाकी है तो ये प्रेम उन्हें मुबारक हो.