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रायपुर. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने रविवार को मंथन शिविर कार्यक्रम आयोजित की. इस मौके पर प्रदेश के हजारों कार्यकर्ता उपस्थित हुए. सभा को पार्टी के सुप्रीमो अजीत जोगी ने संबोधित किया. विधानसभा के हार से निराश कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की. उन्होंने इस मौके पर एक श्वेत पत्र (केवल आंतरिक परिसंचरण के लिए) जारी किया. इसके अलावा पार्टी कार्यालय का भी उद्घाटन किया गया.
जेसीसी (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने बताया कि चुनाव चिन्ह मिलने के 2 महीने से भी कम समय में हमने भारत में 73 साल लम्बे चुनावी इतिहास में मध्यभारत की पहली मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय पार्टी का निर्माण कर दिखाया है. हमारे विरोधी कुछ भी कह लें किंतु किसी भी नज़रिए से इस ऐतिहासिक उपलब्धि को कम नहीं आंका जा सकता है. इतने कम समय में छत्तीसगढ़ की जनता ने हमें अपना प्यार और विश्वास दिया है कि इस से ज़्यादा उम्मीद करना अव्यवहारिक होता. हमें ख़ुश होना चाहिए. लेकिन ख़ुशी की जगह कभी-कभी ऐसा लगता है कि पार्टी में उदासी का माहौल छाया हुआ है. 2018 विधानसभा चुनाव के जनादेश के विशाल गुरुत्वाकर्षण के कारण कुछ अदुरदर्शी और अधीर (बेसब्र) लोगों का सत्ताधारी दल की ओर खिंचे चले जाना बेहद स्वाभाविक है. मुझे नहीं लगता है कि इसमें कोई चौकाने या चिंता करने वाली बात है.
जहाँ कुछ लोगों को केवल विपत्ति, विफलता और विश्वासघात दिखता है, वहाँ मुझे अवसरों का असीमित भण्डार दिखाई दे रहा है. निराशावाद और पराजयवाद ऐसे नासूर हैं जिनको हमें जड़ से उखाड़ फेंकना होगा. हमारे सुप्रीमो अजीत जोगी ने बहुत कम समय में बहुत कुछ करके हमें संभावनाओं से भरे एक सुनहरे अतीत की झलक दिखाई है. अब हमें भविष्य के निर्माण की ओर ध्यान देने की जरुरत है. इस संबंध में मैं आपके समक्ष मंथन के 8 बिन्दु रख रहा हूँ-
1. क्षेत्रीयवाद- सबसे पहले तो हमें छत्तीसगढ़ में क्षेत्रीयवाद की धार तेज करनी होगी। बिना परदेसियों को परिभाषित किए, सभी छत्तीसगढ़ियों को एक सामाजिक-राजनैतिक-आर्थिक-सांस्कृतिक छत के नीचे एकत्रित करना संभव नहीं है। इसलिए हमें 2020-21 में आउटसोर्सिंग के विरोध में ‘रोजगार सत्याग्रह’ को प्रदेश की राजनीति का सबसे निर्णायक जनांदोलन बनाना पड़ेगा। इससे सभी छत्तीसगढ़िया एकजुट होंगे। पार्टी की युवाओं के बीच पैठ बढ़ेगी। और सबसे महत्वपूर्ण, भूपेश सरकार के सौंटा मारने, भौरा चलाने और गेड़ी चढ़ने वाले ‘फर्जी क्षेत्रीयवाद’ की जनता के सामने पोल खुलेगी। हम बालौदा बाजार के हिर्मी से प्रदेशव्यापी रोजगार सत्याग्रह की शुरुआत करने जा रहे हैं। इसी प्रकार से 2021-22 में नदी को लेकर ‘महानदी यात्रा’ और 2022-23 में नारी-उत्थान को लेकर ‘शराब बंदी सत्याग्रह’ के लिए वृहद जनांदोलन की रूपरेखा तैयार करना है।
2. राष्ट्रीय आकांक्षा- छत्तीसगढ़ में क्षेत्रीयवाद की धार तेज करने के साथ-साथ हमें पार्टी की राष्ट्रीय आकांक्षाओं को भी विकसित करना होगा। पार्टी सुप्रीमो की राष्ट्रीय पहचान के परपेक्ष में नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ियों की आवाज़ को बुलंद करने, अन्य राज्यों के क्षेत्रीय दलों के साथ समन्वय स्थापित करके वहाँ चुनाव लड़ने और गैर-निवासी छत्तीसगढ़ियों (NRC) को एक अखिल-भारतीय राजनैतिक शक्ति के रुप में विकसित करने के उद्देश से पार्टी की गतिविधियों को मात्र छत्तीसगढ़ तक सीमित रखना उचित नहीं है। ऐसे में, अन्य राज्यों में और ग़ैर-कांग्रेसी विचारधारा के लोगों के बीच में पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए पार्टी की अन्य राज्यों में रणनीति और नाम पर पुर्नविचार करना भी उचित होगा।
3. मुखपत्र- पार्टी की सैद्धांतिक और वैचारिक पृष्ठभूमि मजबूत करने के लिए शिवसेना के मुखपत्र ‘‘सामना’’ की तर्ज पर हम भी एक क्रांतिकारी 8-पन्ने का मासिक मुखपत्र ‘‘छत्तीसगढ़ स्वराज’’ प्रकाशित करेंगे।
4. सोशल मीडिया- हम युद्धस्तर पर ऑनलाइन मोबालाईजेशन करने पर पूरा बल देंगे। फेसबुक, वाट्सअप, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब, टिकटोक पर अधिक से अधिक मात्रा में लाईक्स, कमेंटस, फालोअरस और शेयर्स दिलाने के उद्देश से हर ज़िले में डिजिटल सेल स्थापित किये जायेंगे। इसके लिए हम प्रोफेशनल लोगों की मदद भी ले रहे हैं।
5. प्रभावशील व्यक्तित्व– क्षेत्रीयता के संदेश को छत्तीसगढ़ी सिनेमा, सोशल मीडिया (विशेष रूप से टिकटोक) और सांस्कृतिक जगत के प्रभावशाली influencers के माध्यम से प्रसारित करेंगे। ऐसे लोगों को पार्टी से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जोड़ना हमारी प्राथमिकता होगी। 21 जून 2020 को स्थापना दिवस के दिन हम ऐसे influencers की संगोष्ठी आयोजित करेंगे।
6. सामाजिक समीकरण- दीर्घकालीन राजनीति के लिए हमें पार्टी के पीछे एक नया सामाजिक समीकरण खड़ा करना होगा जिसके केंद्र में अनुसूचित जाति- जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक रहेंगे। इसके लिए हमें सामाजिक संगठनों की गतिविधियों में भागीदारी बढ़ाने के साथ-साथ राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रुप से उपेक्षित सामुदायों की विशेष रुप से पहचान करके उन तक पहुंचने की रणनीति तैयार करना होगा।
7. विरोध- सरकार की विफलताओं को उजागर करने में हमें सबसे आगे, सबसे सचेत और सबसे सक्रीय रहना होगा। इसके लिए नेताओं और अधिकारियों के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के साथ-साथ हमें कांग्रेस के ‘जन घोषणा पत्र’ के गैर-क्रियान्वयन को समय-समय पर बेनकाब करना पड़ेगा।
8. संगठन- आक्रामक-युवा छत्तीसगढ़ियों के बीच में से दूसरी पंक्ति का नेतृत्व तैयार करना हमारी दीर्घकालीन रणनीति की आधारशिला है। हम भौगोलिक रुप से मैदानी इलाक़ों में संगठन बनाने को प्राथमिकता देंगे। 2020 में नगरीय निकाय चुनाव और छात्रसंघ चुनाव में हम पूरी ताकत से लड़ेंगे। सदस्यता अभियान के अंतर्गत हम नए सदस्य जोड़ेंगे किन्तु सदस्यों की संख्या से अधिक अब हम प्रशिक्षण के माध्यम से उनकी गुणवत्ता- उनका पार्टी के प्रति समर्पण और दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता- को विकसित करने पर विशेष ध्यान देंगे।