Bihar News: बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सवाल उठाने वाले जदयू के वरिष्ठ सांसद गिरधारी यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है।

राष्ट्रीय महासचिव ने जारी किया नोटिस

यह नोटिस जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अफाक अहमद खान द्वारा गुरुवार को जारी किया गया। नोटिस में गिरधारी यादव के उस बयान का हवाला दिया गया है जो हाल ही में विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ था। अपने बयान में सांसद यादव ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में कराए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की टाइमिंग पर सवाल उठाया था।

जानें नोटिस में क्या कहा गया?

नोटिस में कहा गया है कि सांसद यादव पूरी तरह जानते हैं कि यह पुनरीक्षण कार्य संविधान के अनुच्छेद 324 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत चुनाव आयोग की वैधानिक शक्ति का हिस्सा है। साथ ही यह भी उल्लेख किया गया कि विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर बार-बार सवाल उठाए जा रहे हैं, जिससे जनता के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश हो रही है।

पार्टी नीति के खिलाफ गिरधारी का बयान

जदयू ने दो टूक कहा कि पार्टी की स्पष्ट नीति रही है कि वह भारत निर्वाचन आयोग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की प्रक्रिया पर पूरा भरोसा जताती रही है, चाहे वह भाजपा के साथ गठबंधन में रही हो या अब एनडीए का हिस्सा हो। ऐसे में गिरधारी यादव का बयान पार्टी की घोषित नीति के खिलाफ माना गया है।

नोटिस में यह भी कहा गया है कि सांसद की सार्वजनिक टिप्पणी न केवल पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली है, बल्कि अनजाने में विपक्षी दलों के निराधार आरोपों को भी बल देती है। पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखते हुए गंभीरता से लिया है। अब गिरधारी यादव को 15 दिनों के भीतर इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट करना होगा, अन्यथा पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार कर सकती है।

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