सोहराब आलम/ मोतिहारी। बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनता दल यूनाइटेड (JDU) को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री और वैश्य समाज के प्रभावशाली चेहरा श्याम बिहारी प्रसाद ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान किया। उनके इस फैसले को JDU के लिए आगामी चुनाव से पहले एक राजनीतिक नुकसान के तौर पर देखा जा रहा है।
पार्टी पद और प्राथमिक सदस्यता दोनों से इस्तीफा
श्याम बिहारी प्रसाद ने अपना इस्तीफा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष को भेजते हुए पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उनका यह कदम तब सामने आया है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चंपारण दौरे की तैयारी में हैं। चंपारण की राजनीतिक जमीन पर जदयू को पहले से ही चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और ऐसे में प्रसाद जैसे कद्दावर नेता का पार्टी छोड़ना संगठन के लिए गंभीर झटका है।

वैश्य समाज में मजबूत पकड़
श्याम बिहारी प्रसाद को बिहार की राजनीति में वैश्य समाज के प्रमुख नेता के रूप में जाना जाता है। उनका पार्टी छोड़ना JDU की उस सामाजिक समीकरण पर सीधा असर डाल सकता है जिस पर वह वर्षों से काम कर रही थी। इससे पहले मीना द्विवेदी जो गोविंदगंज से तीन बार विधायक रह चुकी हैं, उन्होंने भी JDU से नाता तोड़ लिया था। इन दोनों नेताओं का पार्टी छोड़ना बताता है कि जदयू में अंदरूनी असंतोष चरम पर है जिसका असर आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति पर पड़ सकता है।
JDU की ओर से अब तक नहीं आई प्रतिक्रिया
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि श्याम बिहारी प्रसाद जैसे अनुभवी और जमीनी नेता का कांग्रेस में जाना पार्टी के लिए सिर्फ जनाधार का नुकसान ही नहीं बल्कि चुनावी रणनीति में भी गड़बड़ी ला सकता है। हालांकि जदयू की ओर से अब तक इस मसले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन अंदरखाने हलचल तेज़ मानी जा रही है।
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