कुंदन कुमार/पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर जदयू के एक विधायक गोपाल मंडल ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। गोपाल मंडल गोपालपुर से विधायक हैं। इस बार टिकट कटने से नाराज है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने और अपनी बात रखने की पूरी कोशिश की। विधायक का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे इस धरने से नहीं हटेंगे। गोपाल मंडल ने कहा कि वे JDU की पार्टी में हैं और उन्होंने पार्टी के लिए कई बार मेहनत की है, लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया गया है। उन्होंने साफ कहा जब तक मुझे टिकट नहीं मिल जाता तब तक मैं यहां से नहीं हटूंगा। धरने पर उनके साथ कई समर्थक भी मौजूद हैं और उनकी मांग का समर्थन कर रहे हैं।

इस कारण से है विधायक नाराज

गोपाल मंडल का कहना है कि पार्टी ने उनके साथ अन्याय किया है। चुनाव को लेकर टिकट वितरण की प्रक्रिया में उन्हें नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व से अपील की है कि उनकी मेहनत और समर्पण को नजरअंदाज न किया जाए। विधायक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधे मिलने की मांग की है ताकि वे अपनी समस्या का समाधान कर सकें।उनका आरोप है कि कई बार उन्होंने पार्टी और मुख्यमंत्री के लिए काम किया, लेकिन इस बार उनकी सेवा का कोई मूल्य नहीं दिया गया। गोपाल मंडल ने यह भी कहा कि वे JDU से हटने का कोई इरादा नहीं रखते, परन्तु यदि उनकी बात नहीं सुनी गई, तो वे मजबूरन अन्य रास्ता भी अपना सकते हैं।

राजनीतिक गलियारे में चर्चा

गोपाल मंडल के धरने ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। पार्टी के अंदर टिकट वितरण को लेकर पहले से ही तनाव की खबरें आ रही थीं। ऐसे में जदयू के एक विधायक का मुख्यमंत्री के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन करना पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना आगामी विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन और पार्टी के अंदर एक गंभीर समस्या की तरफ संकेत है। टिकट कटने से नाराज विधायक और उनके समर्थक पार्टी नेतृत्व के खिलाफ आ सकते हैं, जिससे जदयू को मत विभाजन का सामना करना पड़ सकता है। अगर यह समस्या समय रहते हल नहीं हुई, तो पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

पार्टी नेतृत्व की प्रतिक्रिया

हालांकि अभी तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से इस धरने पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि पार्टी नेतृत्व इस मुद्दे को जल्द सुलझाने की कोशिश करेगा, ताकि चुनावी माहौल में कोई विवाद न बढ़े। गोपाल मंडल की मांग पर जल्द कार्रवाई न होने की स्थिति में वे पार्टी से नाराज होकर अन्य राजनीतिक विकल्पों की ओर भी रुख कर सकते हैं। ऐसे में जदयू के लिए यह एक बड़ा संकट भी साबित हो सकता है।

विधानसभा चुनाव की तैयारियों में खटास?

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलकों में तेजी से हलचल हो रही है। टिकट वितरण के मुद्दे पर कई पार्टियों में तनाव है और जदयू भी इससे अछूता नहीं है। विधायक गोपाल मंडल का धरना इस बात का संकेत है कि पार्टी में अभी भी कई तरह की अनसुलझी समस्याएं हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यदि पार्टी समय रहते अपने भीतर चल रही इन खींचतान को नहीं संभालती है, तो इसका सीधा असर चुनावी प्रदर्शन पर पड़ेगा। दूसरी ओर विपक्षी दल इस अवसर का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।