Waqf Board Amendment Bill 2024: मोदी सरकार (Modi government) ने संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में वक्फ बोर्ड (Waqf Board) संशोधन विधेयक लोकसभा (Lok Sabha) में पेश कर दिया है। आज (8 अगस्त 2024) दोपहर 1 बजे अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने लोकसभा में वक्फ एक्ट (Waqf Act) संशोधन बिल को पेश किया। INDIA अलांयस और ओवैसी ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का विरोध किया है। कांग्रेस (Congress) ने इसे संविधान पर हमला करार दिया। सदन में सभी पार्टियों के सांसदों ने अपनी पार्टी की बात रखी। इस बिल का कांग्रेस, सपा, NCP (शरद पवार), AIMIM, TMC, CPI (M), IUML, DMK, RSP ने विरोध किया।
वक्फ बिल मुसलमान विरोधी नहीं- ललन सिंह
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने संसद में वक्फ बिल का समर्थन किया है. ललन सिंह ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि ये बिल मुसलमान विरोधी नहीं है. ये मंदिर की बात करते हैं, मंदिर की बात कहां से आ गई. कोई भी संस्था जब निरंकुश होगी तो सरकार उस पर अंकुश लगाने के लिए, पारदर्शिता के लिए कानून बनाएगी. ये उसका अधिकार है. पारदर्शिता होनी चाहिए और ये बिल पारदर्शिता के लिए है. उन्होंने कहा कि ये अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, सिखों का कत्लेआम किसने किया था.
शिवसेना (शिंदे) ने किया बिल का समर्थन
श्रीकांत शिंदे ने वक्फ बिल का समर्थन करते हुए कहा कि कुछ लोग इस बिल का विरोध जाति, धर्म के नाम पर कर रहे हैं. इस बिल का मकसद ट्रांसपैरेंसी और अकाउंटिबिलिटी. इस बिल के नाम पर विपक्षी पार्टियां भ्रम फैलाने का काम कर रही हैं. आपको अलग कानून क्यों चाहिए. महाराष्ट्र में जब इनकी सरकार थी, शिर्डी और अन्य मंदिरों पर कमेटी बैठाने का काम हुआ था. तब इनको सेक्यूलरिज्म याद नहीं आया.
बीजेपी मुसलमानों की दुश्मन है- ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने नियम 72 (2) के तहत बिल पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि ये संविधान की मूल भावना पर हमला है. आप हिंदू पूरी संपत्ति अपने बेटे-बेटी के नाम पर दे सकते हो लेकिन हम एक तिहाई ही दे सकते हैं. हिंदू संगठन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में गैर धर्मों के सदस्य शामिल नहीं होते तो वक्फ में क्यों. ये बिल हिंदू-मुसलमान में भेदभाव करता है. वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है. ये सरकार दरगाह और अन्य संपत्तियां लेना चाहती है. सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को दे रहे हैं, मुझे यकीन है कि आप बिल्किस बानो और जकिया जफरी को मेंबर बनाएंगे. आप देश को बांटने का काम कर रहे हैं. आप दुश्मन हैं मुसलमानों के.
ये बिल सोची-समझी साजिश- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि ये बिल जो इंट्रोड्यूस हो रहा है, बहुत सोची-समझी साजिश के तहत हो रहा है. वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल करने का औचित्य क्या बनता है. इतिहास के पन्नों को पलटे होते, एक जिलाधिकारी थे, उन्होंने क्या किया ये हम सब जानते हैं. बीजेपी हताश और निराश है. तुष्टिकरण के लिए, अपने कुछ मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए ये बिल ला रही है. अल्पसंख्यकों के अधिकार छीने जा रहे हैं. लॉबी में सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं और हम इसका विरोध करेंगे. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अखिलेश यादव आप इस तरह की गोलमोल बातें सदन में नहीं कर सकते. आप नहीं हो अध्यक्ष के अधिकारों के संरक्षक. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आसन पर, संसद की आंतरिक व्यवस्था पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने इसे हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में कदम बताया और कहा कि हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे.
वक्फ बिल फंडामेंटल राइट्स पर हमला- वेणुगोपाल
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने वक्फ बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये संविधान से मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है. यह बिल फंडामेंटल राइट्स पर हमला है. उन्होंने सवाल किया कि क्या अयोध्या के मंदिर में कोई नॉन हिंदू है, क्या किसी मंदिर की कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा गया है. वेणुगोपाल ने कहा कि वक्फ भी एक धार्मिक संस्था है. ये समाज को बांटने की कोशिश है.
बिल स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए- सुप्रिया सुले
एनसीपी (शरद गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मेरी सरकार से गुजारिश है कि या तो बिल को वापस ले लिया जाए, क्योंकि वक्फ बोर्ड को चलाने वाले लोगों से कोई सलाह नहीं ली गई है. अगर सरकार इस बिल को वापस नहीं लेना चाहती है तो कम से कम स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए. बिना किसी सलाह के एजेंडा पुश नहीं किया जाए. यहां हैरानी वाली बात ये है कि हमें सरकार के जरिए बिल के बारे में मालूम नहीं चला, बल्कि मीडिया के जरिए हमें इस संबंध में पता लगा. क्या ये सरकार के काम करने का नया तरीका है. ये संसद और सांसदों का अपमान है.
ये संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन- कनिमोझी
डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने कहा कि ये संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है. किसी मंदिर की कमेटी में जब कोई गैर हिंदू सदस्य नहीं है तो फिर वक्फ में क्यों. ये बिल विशेष तौर पर एक धार्मिक ग्रुप को टार्गेट करता है जो समानता के कानून का उल्लंघन करता है. ये बिल पूरी तरह से मुसलमानों के खिलाफ है. ये देश सेक्यूलर देश है जिसमें अलग-अलग धर्म, अलग-अलग भाषा के लोग रहते हैं.
विपक्ष हमेशा करता है विरोध- हेमा मालिनी
वक्फ कानून में संधोधन के लिए पेश किए बिल को लेकर बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने कहा, “विपक्ष हमेशा विरोध करता है, यही उनका काम है. वे अच्छी चीजों को बुरा करार देते हैं. पीएम कई अच्छी योजनाएं लाए हैं लेकिन कहते हैं ये सारी गलत हैं. मैं भी इसे पिछले 10 साल से देख रहा हूं.
ये हमारे मजहब में दखलअंदाजीः सपा सांसद मोहिबुल्ला
रामपुर से सांसद मोहिबुल्ला ने चार धाम से लेकर तमाम हिंदू मंदिरों की कमेटियों का उदाहरण दिया और कहा कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में भी लिखा गया है कि केवल सिख ही सदस्य होगा. फिर मुसलमानों के साथ ये अन्याय क्यों. हम बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं जिसका खामियाजा हम सदियों तक भुगतते रहेंगे. सरकारी अमले को ये हक दिया जा रहा है, सर्वे कमीशन के अधिकार खत्म किए जा रहे हैं. ये मेरे मजहब के मुताबिक कोई चीज है तो उसे आप तय करेंगे या मैं तय करूंगा. ये हमारे मजहब में दखलअंदाजी है. ऐसा हुआ तो कोई भी अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेगा।
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