शब्बीर अहमद, भोपाल। सौरभ शर्मा केस को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने सवाल किया है कि सरकार के मंत्रियों से अब तक पूछताछ क्यों नहीं की गई है? परिवहन विभाग के मौजूदा और पिछले मंत्री से क्यों पूछताछ नहीं हुई? जिस देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। वहां 5 महीने का एक हिसाब 50 करोड़ रूपए का है। जांच एजेंसी पर भाजपा नेताओं का दबाव बनाया जा रहा है।
चीफ जीतू पटवारी ने जांच एजेंसियों पर लगाया सरकार के इशारों पर काम करने का आरोप
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियां सरकार के इशारों पर काम कर रही है। सिर्फ 6 पेज सामने आए हैं जबकि 66 पेज की पूरी डायरी है। अगर सौरभ शर्मा नहीं मिल रहा है तो डायरी में जिसके नाम हैं, उस आधार पर पूछताछ होनी चाहिए। चोरों को बचाने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। इसलिए हम कहते हैं कि संविधान खतरे में है।
पीसीसी चीफ ने सौरभ शर्मा की जान को खतरा बताया
इस दौरान जीतू पटवारी ने कहा कि सौरभ शर्मा की जान को खतरा अब भी बरकरार है। सौरभ शर्मा के करीबियों से भी पूछताछ बंद हो गई है। इस मामले में ऐसा लग रहा है कि जांच बंद हो चुकी है।
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काली कमाई में कई लोगों के आ चुके हैं नाम
बता दें कि मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा केस को लेकर सियासी बवाल जारी है। करोड़ों रुपए कैश और गोल्ड-चांदी की सिल्लियां बरामद होने के बाद जांच एजेंसियों की कार्रवाई थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं इस काली कमाई में राजनेताओं और अधिकारियों का नाम सामने आने के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है।
सौरभ की डायरी से मिले थे TM और TC कोड वर्ड
सौरभ शर्मा की डायरी से कल कुछ ऐसी चीजें मिली थी जिससे इस केस की जांच करने में काफी मदद मिल सकती है। सौरभ शर्मा की डायरी में चेकपोस्ट से लेकर RTO के लेनदेन और बकाया राशि का पूरा हिसाब लिखा जाता था। TM और TC की मुहर लगती थी। इस मामले में कई पूर्व मंत्रियों पर भी कथित आरोप लग रहे हैं।
18 दिसंबर को लोकायुक्त की रेड, IT ने बरामद किया था सोना और कैश
गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में छापामार कार्रवाई की थी। वहीं 19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी की एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी खाली प्लॉट पर खड़ी है। जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए हैं। कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था। जिसके बाद IT की टीम ने कांच तोड़कर अंदर से बैग बाहर निकला, जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था।
सौरभ के घर से मिले थे करोड़ों रुपये
लोकायुक्त टीम ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित निवास पर भी छापा मारा था। जहां से वाहन, घर के सामान, आभूषण और नगद जिसकी कुल कीमत 3 करोड़ 86 लाख रुपये है। वहीं आरोपी के कार्यालय जहां उनका सहयोगी चेतन सिंह गौर का निवास भी है, वहां से चांदी और नगद, कुल 4 करोड़ 12 लाख की संपत्ति बरामद की गई थी।बताया जा रहा है कि प्रदेश के अलग-अलग जगह पर बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले थे। सौरभ शर्मा को पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। उन्होंने सिर्फ 10-12 साल की नौकरी की, फिर परिवहन विभाग से वीआरएस ले लिया था
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