हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाइयों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। जमीन हड़पने के आरोप को लेकर नाना पटवारी पहले ही सुर्ख़ियों में हैं। लेकिन अब युवती के सुसाइड केस में नाम आने के बाद प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। 

जीतू पटवारी के भाइयों की जल्द हो सकती है गिरफ्तारी: जमीन कब्जे और मारपीट मामले में बढ़ीं मुश्किलें, पुराने मामलों की जांच में भी जुटी पुलिस

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बयान के बाद खुली फाइल

दरअसल, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जीतू पटवारी के भाई नाना पटवारी पर सीधे आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि “नाना पटवारी के दबाव में एक युवती ने आत्महत्या कर ली थी।” मंत्री के बयान के बाद साल 2018 में कांग्रेस सरकार के समय हुए खुशी कूलवाल आत्महत्या मामले की फाइल एक बार फिर खुल गई है। 

खुशी कूलवाल

युवती के सुसाइड केस में आया नाम

बता दें कि उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पटवारी के भाइयों पर जमीन धोखाधड़ी और वसूली (एक्सटॉर्शन) के गंभीर आरोप में नया मामला दर्ज हुआ है। मंत्री विजयवर्गीय ने इस घटनाक्रम को जोड़ते हुए कहा कि “ऐसे लोग पहले भी ताकत का गलत इस्तेमाल कर चुके हैं जब कांग्रेस सरकार थी, एक युवती ने तो इसी दबाव में जान तक दे दी।”

‘युवती के सुसाइड केस में आया था जीतू पटवारी के भाई का नाम’, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का सनसनीखेज आरोप, कहा- उनका यह पहला केस नहीं है…

नाना पटवारी

हाईप्रोफाइल पार्टियों में दिखने वाली खुशी ने फ्लैट में लगाई थी फांसी

साल 2018 में यशवंत क्लब की सदस्य और हाईप्रोफाइल पार्टियों में दिखने वाली खुशी कूलवाल ने महालक्ष्मी नगर स्थित फ्लैट में फांसी लगाकर जान दे दी थी। उस समय यह मामला काफी चर्चा में था, लेकिन बाद में जांच ठंडे बस्ते में चली गई। सूत्रों के मुताबिक, उस समय जांच में एक ड्रग्स पैडलर सोहन उर्फ जोजो से पूछताछ में तत्कालीन पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के भाई नाना पटवारी का आया था।

अब पुलिस की सक्रियता बढ़ी, अफसरों पर भी आ सकता है शिकंजा

मंत्री के बयान के बाद पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने केस की फाइल दोबारा खोली है। डीसीपी जोन-2 ने केस डायरी तलब कर पुराने सभी बिंदुओं की समीक्षा शुरू कर दी है। जांच में कुछ ऐसे अफसरों के नाम भी सामने आ रहे हैं, जिन्होंने पहले इस केस को राजनीतिक दबाव में दबा दिया था। अब अगर निष्पक्ष जांच होती है, तो सिर्फ राजनीतिक चेहरों ही नहीं, सिस्टम के भीतर छिपे कुछ अधिकारी भी फंस सकते हैं।

तीन मोबाइल, बयान, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी पहले

पुलिस कर्मियों ने उस दौरान कहा था कि खुशी के पास से तीन मोबाइल जब्त हुए थे, जिनकी जांच के बावजूद कोई सुसाइड नोट सामने नहीं आया। ट्रैवल एजेंट, दोस्त और कई परिचितों के बयान लिए गए, लेकिन जिन रसूखदारों का नाम सामने आया, उनके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सूत्रों के मुताबिक जांच के दायरे में थे एक आईएएस अधिकारी भी आ सकते हैं। जिन्हें आखिरी बार खुशी के साथ यशवंत क्लब में देखा गया था ।

अब जांच के घेरे में फिर वही चेहरे

अब जब इस केस की फाइल दोबारा खुली है, तो नाना पटवारी समेत उन सभी चेहरों पर सवाल उठ रहे हैं जो उस समय परदे के पीछे थे। मंत्री विजयवर्गीय के इस बयान ने एक बार फिर इस केस को गंभीर मोड़ पर ला खड़ा किया है।

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