झारखंड हाईकोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन को बड़ी राहत दी है. ED समन की अव्हेलना मामलें में सीएम हेमंत एमपीएलए कोर्ट ने उन्हें आज हाजिर होने का आदेश दिया था, जिसे सीएम ने हाईकोर्ट पिटीशन दाखिल कर चुनौती दी थी. सीएम ने क्रिमिनल मिसलिनियस पिटीशन दाखिल किया था. मामलें में अब उन्हें सशरीर पेश नही होना होगा. अब इस याचिका की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.
सीएम सोरेन द्वारा लगाई गई याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने एमपी-एमएल विशेष अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए बड़ी राहत दी है. सीएम हेमंत की ओर से अधिवक्ता पियूष चित्रेश, दीपांकर रॉय और श्रेय मिश्रा ने पैरवी की. बता दें कि एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें ED के समन की अवहेलना मामले में अदालत में पेश होने को कहा है. उन्होंने इस मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट का आग्रह करते हुए पिटीशन लगाया था, जिसे 26 नवंबर को कोर्ट ने खारिज कर उन्हें आज चार दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने आदेश जारी किया था.
इस मामलें की सुनवाई पहले सीजेएम कोर्ट में चल रही थी. 3 जून को सीजेएम कृष्ण कांत मिश्रा ने यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. जहां हुई सुनवाई के बाद 11 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखते हुए 26 नवंबर को आदेश जारी किया.
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जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 19 फरवरी को सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराया था. कोर्ट ने चार मार्च को इस पर संज्ञान लेते हुए मुकदमा चलाने का आदेश जारी किया था. सुनवाई के दौरान ईडी ने बताया था कि जमीन की खरीद- बिक्री मामले में जांच एजेंसी ने हेमंत सोरेन को 10 बार समन जारी किया था. आठवें समन पर वे 20 जनवरी और 10वें समन पर 31 जनवरी को ईडी के सामने पेश हुए. जांच एजेंसी ने कहा कि आठ समन पर उपस्थित नहीं होना समन की अवहेलना है.
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