रायपुर। झारखंड में कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी गठबंधन ने भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया है. झारखंड में पिछले चुनाव की अपेक्षा इस दफा दो गुनी से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत हुई है. राज्य में कांग्रेस को मिली इस सफलता के पीछे छत्तीसगढ़ में पार्टी को जीत का सेहरा पहनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ही हैं.
सिहंदेव को पार्टी ने झारखंड चुनाव के लिए कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया था. सिंहदेव की अध्यक्षता में पार्टी ने जो घोषणा पत्र तैयार किया था उस पर झारखंड की जनता ने अपना विश्वास जताया. बता दें साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 62 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे महज 6 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था. जबकि इस दफे कांग्रेस ने 31 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किये थे. जिसमें कि 15 सीटों पर पार्टी जीत की ओर अग्रसर है.
झारखंड में मिली सफलता के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर में टीएस सिंहदेव का कद पहले से और भी ज्यादा बढ़ गया है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा उन्हें और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
झारखंड में कांग्रेस गठबंधन की जीत पर मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि यह जीत संतोष का विषय है. गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा और जीते. इस बार बीजेपी के मुख्यमंत्री भी हार गए. आशा के अनुरूप परिणाम आए हैं. झारखंड में स्थिर सरकार रहेगी. सिंहदेव ने कहा कि हमने लोगों को विश्वास दिलाया कि छत्तीसगढ़ में जो कहा था, वो किया. महाराष्ट्र में भी वादा पूरा कर रहे हैं. हालांकि यहां कुछ देरी हुई है. दूसरे ओर वो लोग जो कहते हैं, और पूरा नहीं कर पाते. इससे पता चलता है कि राहुल गांधी ने जो कहा वो पूरा कर रहे हैं, भले ही लागू करने में कठनाई हो. घोषणाओं को जल्दी लागू करने पर जनता में जरूर सकारात्मक संकेत जाता है. जिसका हमें फायदा मिला.
मुझे टिकट वितरण की जिम्मेदारी हाईकमान ने दी थी. परिणाम आशा के अनुरूप आए है तो मेरे लिए संतोष का विषय है. प्रभारी महामंत्री के साथ मिलकर और अलग से सर्वे कराकर जानकारी हासिल किए थे. जिनके जीतने के चांस थे. उनको टिकट दिया गया. वहां पर हमेशा टिकट वितरण पर आरोप लगते थे, लेकिन इस बार कहीं कोई आरोप नहीं लगा. ये बात महत्वपूर्ण है. किसी में कोई नाराजगी नहीं थी.
आपको बता दें छत्तीसगढ़ में किसानों की ऋण माफी, 2500 रुपये क्विंटल पर धान खरीदी और बोनस, बिजली बिल हाफ, आदिवासियों की अधिग्रहित की गई जमीन की वापसी सहित आम जनता से जुड़े कई छोटे-बड़े वादों को सिंहदेव ने घोषणा पत्र में शामिल किया था. जिस पर सूबे की जनता ने अपना पूरा विश्वास जताया था और पार्टी को यहां पर रिकॉर्ड सीटों पर जीत मिली थी. इसी के साथ सत्ता में आने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने कुछ ही घंटों के भीतर किसानों का कर्जा माफ करने के साथ ही घोषणा पत्र में किये गए अपने अधिकतर वादों को साल भर के भीतर पूरा करके भी दिखाया था. जिसकी वजह से जनता के बीच पार्टी को लेकर एक नया विश्वास पैदा हुआ.
मोदी और शाह मॉडल को नकारा
झारखंड में चुनाव प्रचार करने पहुंचे राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं ने छत्तीसगढ़ के मॉडल को जनता के सामने रखकर सभी वादों को पूरा करने का विश्वास दिलाया था. वहीं भाजपा से पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित अन्य स्टार प्रचारकों ने कश्मीर में धारा 370 हटाने, पाकिस्तान, चार महीने के भीतर अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण, जैसे वादों के साथ ही नेहरू-गांधी परिवार के साथ ही सोरेन परिवार की आलोचना करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी. लिहाजा प्रदेश की जनता ने मोदी-शाह मॉडल को पूरी तरह से नकार दिया और कांग्रेस गठबंधन को सत्ता की चाबी सौंप दी.