Mamta Devi: गोलीकांड में रामगढ़ विधानसभा से पूर्व कांग्रेस (Congress) विधायक ममता देवी (Congress MLA Mamta Devi) को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court)ने बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है। ममता को हजारीबाग एमपी-एमएलए कोर्ट ने कुल 7 की सजा सुनायी थी। गोला गोलीकांड के दाे अलग-अलग मामले में ममता देवी काे हजारीबाग की निचली अदालत ने दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। फैसले के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
किसानों को मोदी सरकार का दिवाली गिफ्ट… इन 6 फसलों की बढ़ाई एमएसपी – MSP Hike For Rabi Crops
माले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने मंगलवार काे निचली अदालत द्वारा दी गई सजा पर रोक लगा दी। इसके साथ ही जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत चुनाव लड़ने पर लगी रोक भी हट गई। अब वे विधानसभा चुनाव लड़ सकेंगी।
DA Hike: दिवाली पर मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया, इतनी बढ़ी सैलरी
झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी ने कहा कि उन्होंने मां दुर्गा से सच्चाई की जीत की प्रार्थना की थी और आज उनकी जीत हुई है। विरोधियों को एक बार फिर वह परास्त करेंगी। उन्होंने कहा कि एक बड़ी साजिश के तहत उन्हें सजा दिलवाई गई थी और उनकी विधायकी चली गई थी।
क्या है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला ये है कि गोला प्रखंड के टोनागातू में इनलैंड पावर प्लांट निर्माण किया गया था। इसके निर्माण के समय कई ग्रामीण यहां से विस्थापित हुए थे। इन लोगों को हटाने से पहले नौकरी, मुआवजा और रोजगार देने का आश्वासन दिया गया। प्रबंधन ने अपने कहे के अनुसार कुछ लोगों को नौकरी तो दी लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हे पर्याप्त सुविधा और रोजगार नहीं दिया गया। इसी मांग को लेकर 29 अगस्त, 2016 को तत्कालीन पार्षद ममता देवी एवं राजीव जायसवाल के नेतृत्व में यहां पर धरणा प्रदर्शन का आयोजन किया गया था।
इस दौरान अचानक पुलिस और आंदोलन कर रहे लोगों के बीच पथराव हो गया और धीरे धीरे यह रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी और 43 लोग घायल हो गये। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने तत्कालीन सीओ की गाड़ी में आग लगा दी थी। इसे लेकर गोला और रजरप्पा थाना में अलग-अलग मामला दर्ज किया गया था।
ममता देवी समेत 13 को किया था दोषी करार
मामले में हजारीबाग व्यवहार न्यायालय स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट के जज पवन कुमार ने इस मामले की सुनवाई करते हुए रामगढ़ की पूर्व विधायक समेत 13 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। उन्हें आईपीसी की धारा 333 और 307 के तहत 5 साल की सजा सुनायी गयी थी। इसके अलावा 148 और 332 के तहत 2 साल की सजा के साथ साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। झारखंड हाईकोर्ट ने इसी सजा पर रोक लगा दी।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें