वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर.चर्चित झीरम केस मामले में एनआईए द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई टल गई है. आज केन्द्र सरकार की ओर से बहस करने के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बैनर्जी मौजूद नहीं हुए, जिसपर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है.

बता दें कि हाईकोर्ट में दरभा थाने में दर्ज आपराधिक प्रकरण को चुनौती दी गई है. NIA पर राजनीतिक षड्यंत्र के जांच ना करने का आरोप लगा है.

झीरम कांड में दिवंगत कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार ने जून 2020 में दरभा थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उनकी रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 302 और 120 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया.

उनका कहना है कि एनआइए ने इस घटना में राजनीतिक षड्यंत्र की जांच नहीं की है. दरभा थाने में दर्ज रिपोर्ट को चुनौती देते हुए एनआइए ने अपनी विशेष अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया. इस फैसले के खिलाफ एनआइए ने हाईकोर्ट में आपराधिक अपील प्रस्तुत की है.

इसमें कहा गया है कि एनआइए केंद्रीय स्तर की जांच एजेंसी है, जिसकी जांच हो चुकी है. ऐसे में राज्य शासन को अधिकार नहीं है कि फिर से उसी प्रकरण में अपराध दर्ज कराई जाए. इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा आपराधिक प्रकरण की जांच पर रोक लगाई है.

इधर इस मामले में जितेंद्र मुदलियार ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है. इसमें बताया है कि झीरम हमला सामान्य नक्सली घटना नहीं है, बल्कि इसे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत अंजाम दिया गया है.